Rabindranath Tagore Jayanti 2025 Quotes in Hindi: रवीन्द्रनाथ टैगोर को लोग गुरुदेव भी कहते थे. इनका पूरा नाम ‘रवीन्द्रनाथ ठाकुर’ था. ये भारत के महान कवि, लेखक और दार्शनिक थे. वे अपनी रचनाओं में जीवन, प्रेम, और मानवता के विभिन्न पहलुओं पर लिखा करते हैं.
रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता (बंगाल) में हुआ था. भारतीय साहित्य की अप्रतीम अनमोल मणियों में रवीन्द्रनाथ एक बहुमूल्य मणि थे. उनकी रचनाओं में गीतांजलि, चित्रा, गोरा, नैवेद्य, सप्तक, गीताली, फूलों की कविताएं, नये पत्ते, राग-कल्पना और संगीत-रंग आदि बहुत प्रसिद्ध हैं. साहित्य के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिल चुका है. आज भी उनके लेख और कविताएं प्रासंगिक होकर हमें सोचने, विचार करने और कुछ करने के लिए प्रेरित करती हैं. आज विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर स्मरण करते हुए जानते हैं उनके कुछ अनमोल विचारों के बारे में-
- उपदेश देना सरल है, पर उपाय बताना कठिन.
- जीवन की चुनौतियों से बचने की बजाए उनका निडर होकर सामना करने की हिम्मत मिले, इसकी प्रार्थना करनी चाहिए.
- खुश रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत मुश्किल है.
- आप समुद्र के किनारे खड़े होकर और उसके जल को घूरकर पार नहीं कर सकते हैं.
- जो लोग अच्छाई करने में स्वयं को ज्यादा व्यस्त रखते हैं, वह स्वंय को अच्छा बनने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं.
- विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण के कारख़ाने हैं और अध्यापक उन्हें बनाने वाले कारीगर हैं।
- जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में कह नहीं सकता, उसी को क्रोध अधिक आता है.
- दोस्ती की गहराई परिचित की लंबाई पर निर्भर नहीं करती.
- यदि आप सभी त्रुटियों के लिए दरवाजा बंद कर दोगे तो सच अपने आप बाहर बंद हो जाएगा.
- जिस तरह घोंसला सोती हुई चिड़िया को आश्रय देता है उसी तरह मौन तुम्हारी वाणी को आश्रय देता है.
विश्वास वह पक्षी है जो प्रभात के अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है.
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