पोप फ्रांसिस को शुक्रवार को ब्रोंकाइटिस की इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पॉप जोकि 88 साल के हैं उन्हे कई सारी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया. वेटिकन ने बताया कि फ्रांसिस जिन्हें हाल के दिनों में सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जिसके कारण उन्होंने अपने भाषणों को पढ़ने के लिए अधिकारियों को नियुक्त किया था.
पोप फ्रांसिस को सांस में तकलीफ के कारण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया
फिलहाल फ्रांसिस को रोम के ‘जेमेली हॉस्पिटल’ जाने से पहले अपनी सुबह की बैठकें योजनानुसार कीं. उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ आवश्यक नैदानिक परीक्षणों और अस्पताल में चल रहे ब्रोंकाइटिस के इलाज को जारी रखने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पोप की हेल्थ को लेकर हॉस्पिटल से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया कि शुरुआती जांच में पता चला कि पोप के सांस की नली में इंफेक्शन के संकेत मिले हैं. जिसके कारण उनकी हालत स्थिर है. हल्का बुखार है. वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रूनी ने कुछ ही देर बाद संवाददाताओं से कहा पोप शांत हैं. उनका मूड अच्छा है और वे समाचार पत्र पढ़ रहे हैं.
ब्रोंकाइटिस की बीमारी क्या है?
ब्रोंकाइटिस फेफड़ों में ब्रोन्कियल नलियों में सूजन के कारण होता है. जिसके कारण खांसी होती है. कभी-कभी बलगम के साथ यह तीव्र (अल्पकालिक) या जीर्ण (दीर्घकालिक) हो सकता है. आमतौर पर सर्दी या फ्लू जैसे वायरल इंफेक्शन के कारण होता है. इसके शुरुआती लक्षण गले में खराश, नाक बहना या साइनस संक्रमण शामिल है जो वायुमार्ग तक फैल जाता है.
ब्रोंकाइटिस फेफड़ों में ब्रोन्कियल नलियों की सूजन है, जिसके कारण खांसी होती है, कभी-कभी बलगम के साथ। यह तीव्र (अल्पकालिक) या जीर्ण (दीर्घकालिक) हो सकता है.
ब्रोंकाइटिस होने के कारण
आमतौर पर सर्दी या फ्लू जैसे वायरल संक्रमण के कारण होता है.
लक्षणों में गले में खराश, नाक बहना या साइनस संक्रमण शामिल है जो वायुमार्ग तक फैल जाता है.
आमतौर पर कुछ हफ़्तों में अपने आप ठीक हो जाता है
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस
एक प्रकार का क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी)
सिगरेट के धुएं, वायु प्रदूषण या रासायनिक धुएं जैसे उत्तेजक पदार्थों के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण
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लक्षणों में बलगम वाली खांसी, घरघराहट, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ शामिल है
लक्षण बेहतर या बदतर हो सकते हैं, लेकिन वे कभी पूरी तरह से दूर नहीं होते
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