फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग फिल्म देखते समय रो देते हैं. वह अकेलापन के शिकार होते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं उनके मरने की संभावना भी बाकी लोगों की तुलना में 10 फीसदी अधिक होती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह स्टडी 54 साल से कम उम्र वाले लोगों को पर किया गया. यूके बायो बैंक में इकट्ठा किए गए 5 लाख लोगों के डेटा के आधार पर 17 साल तक इस शोध में हिस्सा लेने वाले लोगों को शामिल किया गया. सबसे पहले तो इस रिसर्च में समय से पहले मृत्यु और न्यूरोटिसिजम की जांच की गई.
रिसर्चर एंटोनियो टेरासिआनो के मुताबिक इंसान अक्सर अकेलेपन की समस्या से जूझता है. यह न्यूरोटिक के लक्षण हो सकते हैं. रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों में इस तरह की चिंता थी कि वह अकेले हैं वैसे लोग वक्त से पहले मर जाते हैं. साथ ही उन्हें मौत का खतरा काफी अधिक होता है.
यह भी पढ़ें: देश के लगभग 88% लोग हैं एंग्जायटी के शिकार, अगर आप भी हैं उनमें से एक तो करें ये काम
अकेलेपन के कारण शरीर पर कई ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं
अकेलेपन के कारण चिड़चिड़ापन. डर और उदासी जैसे लक्षण अक्सर इसके शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं. अकेलापन के कारण समय से पहले मौत के जोखिम को बढ़ाता है.रिसर्चर ने पाया कि अकेलापन खुद को खत्म करने की प्रवृति को खत्म करता है. सिर्फ इतना ही नहीं यह पाचन तंत्र को भी काफी ज्यादा प्रभावित करता है.
यह भी पढ़ें: अब 40 पर्सेंट तक कम हो जाएगा सर्वाइकल कैंसर से मौत का खतरा, 10 साल की टेस्टिंग के बाद तैयार हुआ खास ट्रीटमेंट
रिसर्च के दौरान मरने वाले लोगों की संख्या 43 हजार थी वहीं 291 लोगों ने सुसाइड किया है.जिन लोगों ने सुसाइड किया था वह अपराध बोध, तनाव, स्ट्रेस के कारण खुद को खत्म कर दिया. रिसर्च में यह भी बात सामने आई है कि मन में लगातार तरह की नेगेटिव सोच कई बीमारियों का कारण हो सकता है.
यह भी पढ़ें: देश के लगभग 88% लोग हैं एंग्जायटी के शिकार, अगर आप भी हैं उनमें से एक तो करें ये काम
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Calculate The Age Through Age Calculator
lifestyle, hindi lifestyle news, hindi news, hindi news today, latest hindi news, hindi news, hindi news today,
English News