हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का बहुत महत्व बताया गया है. होलिका दहन और चैत्र नवरात्रि के मध्य पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है.

पापमोचनी एकादशी का व्रत संवत साल की आखिरी एकादशी होती है. पापमोचनी एकादशी का व्रत 25 मार्च, मंगलवार के दिन रखा जाएगा. हिंदू पंचाग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी का व्रत किया जाता है.

मान्यता है पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.

एकादशी का व्रत श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित है. इस दिन जगत के पालनहार विष्णु जी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है.

इस दिन विष्णु जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी आराधना करें. इस दिन विधि विधान के साथ आराधना करने से व्यक्ति को धन संपत्ति का सुख प्राप्त होता है.

पापमोचनी एकादशी के व्रत के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी जी की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है.
Published at : 21 Mar 2025 06:50 AM (IST)
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