Pakistan Surya Mandir: कभी भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान में एक जमाने में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की अच्छी खासी आबादी हुआ करती थी लेकिन आज भारत के सबसे बड़ दुश्मन देश पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय हैं. बंटवारें से पहले आज के पाकिस्तान में हजारों ऐतिहासिक हिंदू मंदिर हुआ करते थे जिसमें वहां आज भी एक सूर्य मंदिर मौजूद है. कहते हैं कि पाकिस्तान में स्थित ये दुनिया का सबसे बड़ा सूर्य मंदिर था श्रीकृष्ण के पुत्र का इससे क्या नाता है आइए जानते हैं.
पाकिस्तान का सूर्य मंदिर
देश-दुनिया में कई ऐसे सूर्य मंदिर हैं, जिनका इतिहास हजारों साल पुराना है, ऐसा ही एक मंदिर पाकिस्तान के मुल्तान क्षेत्र में स्थित है. मुल्तान में स्थित सूर्य मंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा सूर्य मंदिर माना जाता है. ये आदित्य सूर्य मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है. ये प्राचीन मंदिर सूर्य भगवान के लिए बनाया गया था. जानकारी के अनुसार यह मंदिर इतना विशाल था कि शहर के हाथीदांत और कसेरा बाजारों के बीच मुल्तान के सबसे अधिक आबादी वाले हिस्से में फैला था.
पाक सूर्य देव मंदिर से श्रीकृष्ण का नाता
इस सूर्य मंदिर का इतिहास करीब 5000 साल पुराना है. मान्यता है कि इस सूर्य मंदिर का निर्माण द्वापर युग में श्रीकृष्ण के पुत्र सांब ने करवाया था. पौराणिक कथा के अनुसार सांब श्रीकृष्ण और जामवंती के पुत्र थे. सांब के अधार्मिक कर्मों से क्रोधित होकर श्रीकृष्ण ने सांब को कोढ़ी होने का श्राप दे दिया.
महर्षि कटक ने सांबा को कोढ़ से मुक्ति का उपाय बताते हुए सूर्य देव की उपासना करने को कहा. उसके बाद सांबा ने चंद्रभागा नदी के किनारे मित्रवन में सूर्य देव का एक मंदिर बनवाया और 12 सालों तक सूर्य देव की कड़ी तपस्या की. इस तप के प्रभाव से वे स्वस्थ हो गए। इसके बाद में सांब ने मुल्तान में सूर्यदेव का मंदिर बनवाया.
मंदिर का हुआ ये हाल
पाक के मुल्तान का ये सूर्य मंदिर हिंदू लोगों के लिए आस्था का केंद्र था लेकिन 10वीं शताब्दी में वहां के शासकों ने मंदिर को नष्ट कर दिया. यहां के पत्थर और खंभे कभी इसके बुलंद होने की गवाही देते थे.
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