New Delhi Railway Station Stampede: कब भगदड़ की स्थिति बनती है? भगदड़ वाली स्थिति तब होती है जब एक छोटे से एरिया में काफी ज्यादा लोग एक साथ जमा होने लगते हैं. अगर इसी में किसी व्यक्ति के छाती पर दबाव पड़े और उसे सांस लेने में मुश्किल हो तो जान तक जा सकती है. यहां तक कि खुल एरिया में भी कैपेसिटी से ज्यादा लोग रहेंगे तो जान जा सकती है. इसके कारण बेहोशी और बाद में मृत्यु तक हो सकती है.
भगदड़ के कारण जा सकती है जान
भगदड़ और भीड़ के कारण कुचलने से भी मौत हो सकती है. घबराहट और भागने की कोशिश के कारण जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है. जब शरीर के ऊपरी हिस्से में दबाव पड़ता है तो सांस लेने में दिक्कत होती है. इसके कारण ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत होती है और बेहोशी आ जाती है. 3-5 मिनट से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन की कमी जानलेवा हो सकती है. इसके कारण कार्डियक अरेस्ट पड़ सकता है.
भगदड़ वाली स्थिति में सबसे पहले क्या करना चाहिए?
जितनी जल्दी हो सके उस एरिया से बाहर निकलने की कोशिश करें. संकोच न करें, सतर्क और शांत रहें, और हमेशा भागने का रास्ता तलाशें.
सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाली जगहों का अनुमान पहले से लगाएं और कम भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ने की कोशिश करें या यदि संभव हो तो ऊपर चढ़ें.
यदि बाहर निकलने में असमर्थ हैं, तो संतुलन बनाए रखने और हर कीमत पर गिरने से बचने के लिए एक स्थिर मुद्रा बनाए रखने का प्रयास करें.
जब दबाव अधिक हो तो सांस लेने की जगह बनाए रखने के लिए 2 – 3 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखते हुए छाती और चेहरे की रक्षा के लिए दोनों हाथों को ऊपर उठाए.
शांत रहें और अपनी सांस को नियंत्रित करें अंदर और बाहर सांस लें.
जब चलती भीड़ में हों, तो बिना जल्दबाजी या धक्का दिए उसके साथ चलें क्योंकि इससे संतुलन खो सकता है और कुचले जा सकते हैं.
कुचलने से बचने के लिए बाड़, दीवार या कठोर वस्तुओं जैसी बाधाओं से दूर रहें, जिन पर आप चढ़ नहीं सकते.
यह भी पढ़ें: किडनी खराब होने पर रात के वक्त शरीर पर दिखते हैं ये लक्षण
संतुलन खोने और गिरने से सावधान रहें, फिसलन वाली सतहों, ढलानों, जमीन पर मलबे और ठोकर खाने के खतरों से सावधान रहें.
यदि आप गिरते हैं, तो जल्दी से उठने की कोशिश करें या तुरंत मदद मांगें.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
यह भी पढ़ें: ‘मुझे जीना ही नहीं है अब…’ दीपिका पादुकोण ने छात्रों को सुनाई अपने डिप्रेशन की कहानी
lifestyle, hindi lifestyle news, hindi news, hindi news today, latest hindi news, hindi news, hindi news today,
English News