दाद जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं नीलम कोठारी, जानें इसके शुरुआती लक्षण और कारण

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नीलम कोठारी सोनी ने हाल ही में ‘प्रोजेक्ट 90’ के साथ मिलकर दाद के बारे में जागरूकता फैलाने का काम किया है. दाद एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो छाले और दर्द का कारण बन सकती है. दाद चिकनपॉक्स के समान ही वायरस के कारण होता है और 50 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है. दाद एक फंगल इंफेक्शन है जो संक्रमित व्यक्ति या जानवर के साथ त्वचा से त्वचा के संपर्क में आने से बचता है. 

दाद एक फंगल इंफेक्शन है

त्वचा से त्वचा का संपर्क आप किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर की त्वचा को छूने से दाद पकड़ सकते हैं. आप उन वस्तुओं को छूने से दाद पकड़ सकते हैं जिन पर फंगस है, जैसे कि तौलिया, बिस्तर की चादरें, कंघी या कपड़े. आप उन सतहों को छूने से दाद पकड़ सकते हैं जिन पर फंगस है, जैसे कि लॉकर रूम का फर्श, शॉवर स्टॉल या पूल की सतहें. आप संक्रमित मिट्टी से दाद पकड़ सकते हैं, लेकिन यह कम आम है.

दाद ठीक करने में एक या 2 सप्ताह लग सकते हैं

फंगस के संपर्क में आने के बाद दाद को विकसित होने में कई दिन या दो सप्ताह तक लग सकते हैं. दाद पैदा करने वाला फंगस वस्तुओं पर लंबे समय तक जीवित रह सकता है. इसलिए सटीक स्रोत की पहचान करना मुश्किल हो सकता है. कुछ गतिविधियां दाद होने के जोखिम को बढ़ा सकती हैं. सार्वजनिक स्नानघरों या लॉकर रूम में नंगे पैर चलना, कुश्ती जैसे संपर्क खेलों में भाग लेना, तंग जूते और मोजे पहनना, अत्यधिक पसीना आना, और जानवरों के साथ निकट संपर्क.

दाद बार-बार क्यों होता है?

दरअसल, दाद स्किन से जुड़ी बीमारी है और इंडियन लोगों को होना कॉमन है. मॉनसून में जब ह्यूमिडिटी बढ़ती है तो दाद का खतरा भी बढ़ता है. इस फंगल इंफेक्शन के साथ सबसे खतरनाक बात यह है कि अगर यह एक बार किसी इंसान को हो गया तो फिर बार-बार होगा. दाद कहीं भी हो सकता है लेकिन यह पैर, हाथ, गर्दम और शरीर के प्राइवेट पार्ट में आसानी से हो सकता है. यह ऐसा फंगल इंफेक्शन है जो तेजी से बढ़ता है. अगर कोई व्यक्ति साफ-सफाई का ठीक से ख्याल नहीं रख रहा तो है तो दाद होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. 

क्या तौलिये से दाद हो सकता है? 

तौलिए से बिल्कुल दाद हो सकता है. खासकर बरसात में अगर आप तौलिए रूम में ही सुखाते हैं इसे धूप नहीं लगती है. तो आज से ही बंद कर दीजिए. क्योंकि बरसात के मौसम में यही तैलिया एक्जिमा, दाद, रैशेज और दूसरी तरह कि स्किन संबंधी बिमारियों का घर बन जाता है. ह्यूमिडिटी के कारण गीली तौलिया पर बैक्टीरिया आसानी से पनपने लगते हैं. जिसकी वजह से दाद जैसी दिक्कत हो सकती है. 

जिनको एक बार दाद हो गया और उसे दोबारा बचना है तो इस ट्रिक्स को अपनाएं

नहाने के बाद तौलिया से बॉडी पोछने के बाद उसे धूप में सुखाएं. अगर बरसात का टाइम है तो तौलिया को अच्छे से धो लें और फिर वाशिंग मशीन में सुखाकर इसपर आयरन कर लें. 

मॉनसून के वक्त पतले तौलिया का इस्तेमाल करें

बरसात में कॉटन और ढीले साफ कपड़े पहनें

दाद से इंफेक्टेड व्यक्ति को तौलिया, कपड़ा और कंघी घर के दूसरे व्यक्ति इस्तेमाल न करें

इस तरह के फंगल इंफेक्शन से बचना है तो खुद को ज्यादा से ज्यादा साफ रखें. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें

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