दिमाग बनाना है चाचा चौधरी से भी तेज तो जरूर करें ये 10 छोटे-छोटे काम

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दिमाग बनाना है चाचा चौधरी से भी तेज तो जरूर करें ये 10 छोटे-छोटे काम

Brain Boosting Tips : अगर आप रोज की जिंदगी में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करें तो दिमाग को चाचा चौधरी जैसा तेज बना सकते हैं. इससे दिमाग हेल्दी रहता है और उम्र बढ़ने पर याददाश्त से जुड़ी परेशानियां भी नहीं होती है. साइंटिस्ट का कहना है कि कुछ आसान आदतें अपनाकर 45% तक डिमेंशिया (Dementia) के मामलों को रोका जा सकता है.

इन आदतों को अपनाने में देर नहीं करना चाहिए. जितनी जल्दी इन्हें शुरू करेंगे, उतना ही फायदा पा सकते हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स में मिशिगन यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट में न्यूरोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. ईवा फेल्डमैन ने 8 अलग-अलग न्यूरोलॉजिस्ट और ब्रेन एक्सपर्ट्स ने 10 हैबिट्स के बारें में बताया.

1. हेलमेट पहनें

एक्सपर्ट्स ने कहा कि अपने सिर की सेफ्टी करना आपके ब्रेन की सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी कदम है. दर्दनाक मस्तिष्क की चोटों और शॉक से बार-बार सिर में चोट लगने से क्रॉनिक ट्रॉमेटिक एन्सेफैलोपैथी (CTE) हो सकती है, जो ओवरऑल तौर से कॉग्निजेंस को खराब कर सकती है और कुछ मामलों में डिमेंशिया का कारण बन सकती है.

2. लॉन की घास काटते समय इयरप्लग लगाएं

यूसी सैन डिएगो हेल्थ की न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. एलिजाबेथ बेविंस ने बताया कि अपने ब्रेन की सेंसरी सिंग्नल्स को प्रोसेस्ड करने की क्षमता की सुरक्षा के लिए तेज आवाज़ों के आस-पास होने पर इयरप्लग या शोर-रोकने वाले इयरमफ का इस्तेमाल करें. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि 50 से ज्यादा उम्र के लोगों और अक्सर तेज़ आवाज़ों के संपर्क में आने वाले लोगों को हर एक से तीन साल में सुनने की जांच करानी चाहिए.

3. अपनी आंखों की जांच करवाएं

यह सिर्फ सुनने की बात नहीं है, बल्कि देखने की क्षमता का दिमाग से गहरा संबंध है. एक रिसर्च में पाया गया कि 71 साल से ज़्यादा उम्र के जिन लोगों को नजर की परेशानी थी, उनमें से कई को भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) भी थी. समय-समय पर आंखों की जांच करवाते रहें और ज़रूरत हो तो चश्मा या सर्जरी करवा लें. इससे दिमाग की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है.

4. चलना शुरू करें और कुर्सी की जगह स्टूल पर बैठें

दिमाग को हेल्दी रखने के लिए हल्की एक्सरसाइज जैसे रोज़ाना थोड़ा चलना बहुत फायदेमंद होता है. इससे ब्रेन तक ऑक्सीजन अच्छे से पहुंचती है. हर 20 मिनट में थोड़ा खड़े हो जाएं या चले. आरामदायक कुर्सियों की बजाय कभी-कभी ऐसे स्टूल या बेंच का इस्तेमा करें, जिससे आपकी कमर और पेट की मांसपेशियां सक्रिय रहें.

5. कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल रखें

ज्यादा चिकनाई वाले खाने जैसे रेड मीट, फुल-फैट दूध और मीठे ड्रिंक्स आपकी नसों को सख्त बना सकते हैं, जिससे दिमाग तक खून की पहुंच कम हो जाती है. इससे स्ट्रोक और याददाश्त की दिक्कतें हो सकती हैं. फल, सब्जियां, दालें और साबुत अनाज खाएं. एक्सरसाइज करें और ज़रूरत पड़े तो डॉक्टर की सलाह से दवा लें. अगर डायबिटीज है या दिल की बीमारी का खतरा है, तो नियमित जांच करवाना ज़रूरी है.

6. रोज़ फ्लॉस करें

दांतों की साफ-सफाई सिर्फ मुस्कान के लिए नहीं, दिमाग के लिए भी ज़रूरी है. अगर मुंह में संक्रमण होता है तो वह दिमाग तक पहुंच सकता है. रोज़ ब्रश और फ्लॉस करें, साल में कम से कम एक बार डेंटिस्ट को ज़रूर दिखाएं.

7. किसी बुक क्लब या ग्रुप से जुड़ें

दोस्ती और लोगों से जुड़ाव हमारी मानसिक सेहत को बेहतर बनाते हैं. अकेलापन डिप्रेशन और याददाश्त की कमी का कारण बन सकता है. बुक क्लब, गार्डनिंग ग्रुप या किसी करीबी के साथ महीने में एक बार डिनर प्लान करना भी दिमाग के लिए फायदेमंद होता है.

8. प्रदूषित जगहों पर मास्क पहनें

गंदी हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण दिमाग तक पहुंचकर नुकसान कर सकते हैं. ऐसे दिनों में N95 या सर्जिकल मास्क पहनना और घर के अंदर एयर फिल्टर का यूज करें.

9. गर्दन का ध्यान रखें

गर्दन दिमाग तक खून पहुंचाने का रास्ता है. चोट या गलत मसाज से यह प्रभावित हो सकती है. न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. श्ली सॉन्ग सलाह देते हैं कि गर्दन पर जोरदार मसाज या झटके से बचें. सीट बेल्ट पहनें और किसी भी चोट पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

10. नींद से समझौता न करें

अच्छी नींद दिमाग के लिए ज़रूरी है. यह न सिर्फ मेमोरी का मजबूत बनाती है, बल्कि दिमाग की सफाई भी करती है. अगर नींद में दिक्कत हो तो ध्यान लगाएं, ब्लैकआउट पर्दे लगाएं और जरूरत हो तो नींद की डायरी बनाएं.

 

 

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