जापान के एक नए रिसर्च में पाया गया है कि कोलोरेक्टल कैंसर (CRC) की बीमारी का कारण कहीं न कहीं लिवर की बीमारी से जुड़ा हुआ है. लिवर की बीमारी कई तरह के होते हैं. जिसके पीछे के कारण काफी ज्यादा शराब पीना भी हो सकता है. ‘क्लिनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी’ में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग काफी ज्यादा शराब पीते हैं. उन्हें कैंसर की स्क्रीनिंग कराने पर काफी ज्यादा जोर दिया जाता है. अल्कोहलिक और नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD) दोनों कोलोरेक्टल कैंसर के लिए जोखिम कारक माने जाते हैं. कैंसर से होने वाली मौतों में से प्रमुख कारणों में से एक है.
लिवर की बीमारी वाले लोगों में CRC जोखिम बढ़ता है
जापान के टशिंशु यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. टेकफुमी किमुरा ने डॉ. नोबुहारू तामाकी और डॉ. शुन-इची वाकाबायशी के साथ मिलकर एक राष्ट्रव्यापी जनसंख्या-आधारित अध्ययन का नेतृत्व किया. रिसर्च ने SLD मरीजों और बिना लिवर की बीमारी वाले लोगों में CRC जोखिम की तुलना करने के लिए 6.38 मिलियन व्यक्तियों के डेटा का विश्लेषण किया. परिणामों से पता चला कि 4.5 साल की अवधि में 0.19% रोगियों में CRC विकसित हुआ. हालांकि, SLD ग्रुप के बीच जोखिम काफी अलग था.
लिवर की बीमारी वाले मरीजों की तुलना में 1.73 गुना अधिक
ALD रोगियों में सबसे अधिक जोखिम था – बिना लिवर रोग वाले लोगों की तुलना में 1.73 गुना अधिक. रिसर्चर का मानना है कि अलग-अलग तंत्र यह बता सकते हैं कि कुछ लिवर की बीमारी समूहों को कोलोरेक्टल कैंसर का उच्च जोखिम क्यों होता है.
CRC में शराब की भूमिका अत्यधिक शराब पीने से DNA को नुकसान पहुंच सकता है. ऑक्सीडेटिव तनाव हो सकता है और शरीर में काफी ज्यादा गंदगी पैदा हो सकती है. जो कई सारी कैंसर की बीमारी का कारण बन सकता है. चयापचय संबंधी शिथिलता और सूजन – MASLD/NAFLD का मोटापे, इंसुलिन प्रतिरोध और पुरानी सूजन से गहरा संबंध है, जो सभी कैंसर के विकास में योगदान करने के लिए जाने जाते हैं. डॉ. किमुरा इस बात पर जोर देते हैं कि रोगी के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए समय रहते पता लगाना महत्वपूर्ण है.
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कोलोरेक्टल कैंसर का बढञता है जोखिम
कोलोरेक्टल कैंसर के विकास के उच्च जोखिम वाले SLD वाले मरीजों की पहचान और जांच करने से समय रहते पता लगाने और रोगी के परिणामों को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. ALD और MetALD रोगियों पर केंद्रित उन्नत CRC स्क्रीनिंग कार्यक्रमों की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है.
यह शोध इस बात के पुख्ता सबूत देता है कि शराब और चयापचय संबंधी शिथिलता कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को बढ़ाने में व्यक्तिगत और संयुक्त भूमिका निभाते हैं. आगे बढ़ते हुए डॉक्टरों को लिवर की बीमारी वाले मरीजों विशेष रूप से ALD और MetALD समूहों के रोगियों के लिए नियमित CRC स्क्रीनिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए.
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