निर्जला एकादशी, शनि जयंती, गंगा दशहरा कब ? ज्येष्ठ माह में कई प्रमुख व्रत

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Jyeshtha Month 2025: ज्येष्ठ माह की शुरुआ 13 मई 2025 से हो रही है और इसका समापन 11 जून 2025 को होगा. इस महीने में श्रीराम और हनुमान जी, सूर्य देव और वरुण देव की पूजा का खास महत्व है. ज्येष्ठ में गर्मी चरम पर रहती है. इस महीने को धर्म, तप और सेवा का माह कहा गया है.

ज्येष्ठ माह में दान का सबसे ज्यादा महत्व है. ज्येष्ठ महीने को जेठ माह भी कहते हैं.ज्येष्ठ महीने में कई खास त्योहार आते हैं, जैसे अपरा एकादशी, शनि जयंती, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी आदि आइए जानते हैं इन सभी व्रत-पर्व की डेट लिस्ट.

ज्येष्ठ माह व्रत त्योहार 2025

13 मई 2025 – नारद जयंती

धार्मिक मान्यता है कि नारद जी ने ज्ञान, संगीत और भक्ति का प्रचार किया है. नारद जी की पूजा नारद जी की पूजा अर्चना करने से बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है, इसके अलावा भगवान विष्णु की कृपा भी साधकों पर हमेशा बनी रहती हैं.

15 मई 2025 – वृषभ संक्रांति

जब सूर्य ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तो उस दिन को संक्रांति कहा जाता है. 15 तारीख को सूर्य मेष से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे. वृषभ शुक्र की राशि है.

16 मई 2025 – संकष्टी चतुर्थी

ज्येष्ठ माह में संकष्टी चतुर्थी के दिन विघ्न और बाधाओं को दूर करने वाले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. इससे समस्त संकटों का नाश होता है.

23 मई 2025 – अपरा एकादशी

अपरा एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है. ये व्रत अपार धन और पुण्य प्राप्ति का माना गया है.

24 मई 2025 – शनि प्रदोष व्रत

शनि प्रदोष व्रत है बहुत पुण्य फलदायी माना गया है. इसके प्रभाव से व्यक्ति को साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है.

26 मई 2025 – वट सावित्री व्रत

वट सावित्री व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं. ये सौभाग्यदायक व्रत माना गया है.

27 मई 2025 – शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि देव का जन्म हुआ था. जातक इस दिन दान करें, शमी और पीपल के पेड़ की पूजा करें, छाया दान करने, तिल और तेल से शनि देव का अभिषेक करें.वहीं अपाहिजों और बुजुर्गों की सेवा अवश्य करें.

6 जून 2025 – निर्जला एकादशी

ये व्रत सभी एकादशियों में कठिन माना जाता है. निर्जला एकादशी के व्रत में पानी नहीं पिया जाता है. इस व्रत को करने से सभी एकादशी का फल मिलता है.

5 जून 2025 – गंगा दशहरा

गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से सभी तरह के पाप, रोग, दोष और विपत्तियों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

10 जून 2025 – वट पूर्णिमा व्रत

वट पूर्णिमा व्रत जून में है, इस दिन विवाहित महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करके सौभाग्य की कामना करती हैं.

11 जून 2025 – ज्येष्ठ पूर्णिमा

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ज्येष्ठ माह का अंत होगा. माना जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति स्नान, ध्यान, जप और दान करता है उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

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