ऑफिस में नहीं महसूस होगा काम का बोझ, वर्कप्लेस पर बैठे-बैठे ऐसे करें योग

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मॉडर्न लाइफस्टाइल में वर्कप्लेस पर टेंशन आम समस्या बन चुकी है. दरअसल, ज्यादा देर तक डेस्क पर बैठकर काम करने, डेडलाइन का प्रेशर और लगातार बढ़ती जिम्मेदारियों के कारण कर्मचारियों में टेंशन और फिजिकल प्रॉब्लम जैसे पीठ दर्द, गर्दन में अकड़न और मानसिक थकान के मामले बढ़ रहे हैं. कई रिसर्च में सामने आया है कि वर्कप्लेस पर योग करने से टेंशन कम होती है और कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी, मेंटल हेल्थ में सुधार होता है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर हम आपको ऐसे योग बता रहे हैं, जो आप अपने वर्कप्लेस पर बैठे-बैठे कर सकते हैं और इनसे आपका तनाव कम होगा. 

बेहद गंभीर समस्या है वर्कप्लेस पर टेंशन

वर्कप्लेस पर टेंशन होना वैश्विक स्तर पर बेहद गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम बन चुका है. इससे न सिर्फ मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है, बल्कि यह हार्ट डिजीज, डायबिटीज, डिप्रेशन और बर्नआउट जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है. एक स्टडी में सामने आया है कि वर्कप्लेस पर खराब माहौल से कर्मचारियों की अटेंडेंस और प्रॉडक्शन में कमी आती है, जिसका सीधा असर कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन पर पड़ता है.

वर्कप्लेस पर योग करने से फायदा

2024 की एक स्टडी में सामने आया कि योग करने से कर्मचारियों में तनाव और बर्नआउट का खतरा कम होता है. योग की श्वास तकनीक जैसे प्राणायाम और ध्यान से ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम और हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एक्सिस (एचपीए) नियंत्रित होता है. ये दोनों चीजें टेंशन के लिए जिम्मेदार होती हैं. 

फिजिकल हेल्थ में सुधार

काफी देर तक बैठे रहने के कारण होने वाली दिक्कतों जैसे पीठ दर्द, गर्दन में अकड़न और कलाई की समस्याएं (कार्पल टनल सिंड्रोम) वर्कप्लेस पर होने वाली आम समस्याएं हैं. वर्कप्लेस पर योग और घूमने-फिरने की एक्टिविटीज से मस्कुलोस्केलेटल प्रॉब्लम्स कम होती हैं. योग करने से टेंशन भी कम होती है. 2023 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में पाया गया कि योग प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (पीएफसी) की एक्टिविटी बढ़ाता है, जो फैसले लेने जैसे कार्यों में जिम्मेदार है. 

वर्क प्लेस पर कर सकते हैं ये आसन

सिद्धासन (ध्यान मुद्रा): इसके लिए कुर्सी पर सीधे बैठें. पैरों को क्रॉस करें और हाथों को घुटनों पर रखें. आंखें बंद करें और गहरी सांस लें. 5-10 मिनट तक ध्यान करें. यह आसन मन को शांत करता है. एकाग्रता बढ़ाता है और तनाव कम करता है. यह कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों में लचीलापन लाता है.

प्राणायाम (श्वास नियंत्रण): इस आसन को करने के लिए कुर्सी पर सीधे बैठें. नाक से गहरी सांस लें. इसे 4 सेकंड तक रोकें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें. यह प्रक्रिया 5-10 बार दोहराएं. प्राणायाम से तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) कम होता है और मेंटल हेल्थ बेहतर होती है. 

प्रसारिता पादोत्तानासन (वाइड-लेग्ड फॉरवर्ड बेंड): इसके लिए पैरों को 3-4 फीट की दूरी पर रखें. कूल्हों पर हाथ रखें, छाती को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें. हाथों को फर्श पर रखें और सिर को नीचे की ओर लाएं. यह आसन पैरों और पीठ की मांसपेशियों को खींचता है. दिमाग को शांत करता है और थकान कम करता है.

चेयर योग: इस आसन के लिए कुर्सी पर सीधे बैठें. दाएं हाथ को बाएं कंधे पर रखें और बाएं हाथ से दाएं कोहनी को पकड़कर हल्का दबाव डालें. इसे दोनों तरफ 5 बार दोहराएं. यह कंधों और गर्दन की अकड़न को कम करता है, जो लंबे समय तक बैठने से होती है.

ताड़ासन (माउंटेन पोज): इस आसन के लिए खड़े होकर पैरों को थोड़ा अलग रखें. हाथों को ऊपर उठाएं और गहरी सांस लें. 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें. यह आसन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और बॉडी में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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