कपड़े तो रोज धोते हैं तो तौलिया क्यों नहीं, जानें कितनी बार और कैसे धोना चाहिए टॉवेल?

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क्या आज आपने नहाने के बाद अपने तौलिये को धुला था? या तौलिये के इस्तेमाल से पहले यह देखा था कि वह कितना साफ है? ये दो सवाल ऐसे हैं, जिसपर अधिकतर लोगों को जवाब ‘ना’ ही होगा. दरअसल, बहुत ही कम लोग ऐसे होंगे जो तौलिये से शरीर पोछने के बाद इसे धुलने के लिए वॉशिंग मशीन में डालते होंगे. 100 लोगों पर की गई एक स्टडी में सामने आया है कि लगभग एक तिहाई लोग महीने में एक बार तौलिया धुलते हैं, कुछ लोग तो साल में एक बार… 

तौलिए पर की गई स्टडी में कहा गया है कि जिस तौलिए को आप अपने शरीर को सुखाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, असल में वह करोड़ों बैक्टीरिया के लिए प्रजनन स्थल होता है. दरअसल, नहाने के बाद भी हमारे शरीर पर कुछ कीटाणु मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर से तौलिये पर चल जाते हैं. भारत में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि मात्र 20% लोग अपने तौलियों को सप्ताह में दो बार धोते हैं. 

बॉथरूम में छोड़ आते हैं टॉवेल?

कई लोग नहाने और खुद को सुखाने के बाद टॉवेल को सूखने के लिए बॉथरूम में ही छोड़ देते हैं. एक स्टडी में सामने आया है कि ऐसा करना आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है. दरअसल, टॉयलेट में हम जब भी फ्लश करते हैं तो कई बैक्टीरिया हमारे टॉयलेट पर आ जाते हैं, उनके साथ टॉयलेट की गंदगी भी टॉवेल पर चिपक जाती है. ये बैक्टीरिया तौलियों पर बायोफिल्म बनाना शुरू कर देते हैं, जिससे हमारे तौलिए की रंगत भी बदल जाती है और कई बार धुलने के बाद भी हमारा तौलिया पहले की तरह नहीं दिखता. 

गीला तौलिया छोड़ने पर हो सकती हैं खतरनाक बीमारियां

हम जितने लंबे समय तक तौलिये का इस्तेमाल करते हैं, वह उतने लंबे समय तक नम रहता है. स्टडी में कहा गया है कि नम वातावरण रोगाणुओं के लिए अनुकूल होता है और यह संक्रमण का कारण बन सकता है. बोस्टन में सिमंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलिजाबेथ स्कॉट का कहना है कि नम तौलिये से हम साल्मोनेला, नोरोवायरस जैसे संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. यहां तक कि कोविड-19 जैसे वायरस की चपेट में भी आ सकते हैं, क्योंकि कोविड-19 जैसे वायरस तौलिए पर 24 घंटे तक जीवित रह सकते हैं. 

तो कितने दिन में धुला जाए तौलिया

कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी में फार्मास्युटिकल माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर जीन-यवेस मेलार्ड के मुताबिक, नियमित रूप से तौलिया धोने जैसी आदतें बैक्टीरियल इंफेक्शन को कम करने में मदद कर सकती हैं. प्रोफेसर एलिजाबेथ स्कॉट के मुताबिक, सप्ताह में कम से कम एक बार तौलिये को जरूर धोना चाहिए. हालांकि, जो लोग किसी संक्रमण की चपेट में हैं, उनके पास अपना तौलिया होना चाहिए. उनका कहना है कि घरेलू कपड़ों की तुलना में तौलिये को एंटीमाइक्रोबियल डिटर्जेंट के साथ ज्यादा गर्म (40-60C, 104-140F) और ज्यादा समय तक धोने की जरूरत होती है. 

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