AI ने 5 मिलियन लोगों में फेफड़े के कैंसर का पता लगाया, अब समय पर इलाज संभव

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AI in Cancer Detection: टेक्नोलॉजी काफी हाईटेक होती जा रही है. जिसकी वजह से अब कुछ चीजें पहले जितनी मुश्किल नहीं रहीं हैं. हेल्थ सेक्टर में तो टेक्नोलॉजी की मदद से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज भी आसानी से मिल रहा है. एक नई AI टेक्नीक ने लाखों लोगों के X-रे स्कैन करके कैंसर के शुरुआती लक्षणों (Early Stage Cancer Signs) का पता लगाया है..

ये तकनीक ऐसी जगहों पर भी मददगार साबित हो रही है, जहां डॉक्टरों या सही जांच सुविधाओं की कमी है. इस तकनीक का इस्तेमाल 20 देशों में किया गया, जिससे फेफड़े के कैंसर के लक्षणों (Lung Cancer Symptoms) का पता पहले हो सका और इलाज की राह आसान हुई है.

कैसे काम करती है ये नई खोज

इस नई तकनीक को AstraZeneca और भारतीय हेल्थ-टेक कंपनी Qure.ai ने मिलकर बनाया है. यह एक AI एल्गोरिदम है, जिसे qXR कहा जाता है. ये एल्गोरिदम X-रे स्कैन को देखता है और उसमें मौजूद दिक्कतों की पहचान करता है, खासकर वो नोड्यूल्स जो लंग्स कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.

qXR तकनीक अब उन इलाकों में भी मदद कर रही है, जहां हाईटेक टेक्नोलॉजी और डॉक्टरों की कमी है, जैसे एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका. इन क्षेत्रों में इस तकनीक से लाखों लोगों के कैंसर के लक्षणों का पता चल रहा है, जिनके लिए पहले यह जांच करना मुश्किल था.

कैंसर के इलाज में बच रहा समय

इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कैंसर के लक्षण जल्दी पहचाने जा सकते हैं, जिससे इलाज भी जल्दी शुरू किया जा सकता है. AI से पकड़ में आए संदिग्ध मामलों को आगे की जांच के लिए भेजा जाता है, जैसे CT स्कैन. अब तक, लगभग 50,000 लोग जिनमें कैंसर के लक्षण पाए गए थे, उन्हें जल्दी इलाज के लिए भेजा गया है.

AstraZeneca के इंटरनेशनल ऑन्कोलॉजी विभाग के Ti Hwei How का कहना है, ‘5 मिलियन स्कैन की उपलब्धि यह साबित करती है कि डिजिटल तकनीक कैंसर के इलाज के लिए कितना अहम हो सकती है. AI अब कैंसर की पहचान को सस्ता और प्रभावी बना रहा है, खासकर उन जगहों पर जहां डॉक्टर और अच्छी सुविधाएं नहीं हैं.’

AI के जरिए बढ़ेगा हेल्थकेयर एक्सेस

Qure.ai के CEO, प्रवीण वारियर ने कहा, ‘यह पार्टनरशिप हमारी AI तकनीक को रियल लाइफ में लाने का एक बड़ा कदम है. यह दिखाता है कि AI कैसे हेल्थ केयर में सुविधाओं को बढ़ा सकता है और तेजी से बीमारियों की पहचान कर सकता है.’ वो खासतौर पर उन देशों में इसका फायदा मानते हैं, जहां स्क्रीनिंग की कमी है और इलाज के सीमित हैं. AI तकनीक ऐसे क्षेत्रों में भी कैंसर का पता लगाने में मदद कर रही है और इससे लोगों की जिंदगी बचाई जा रही है.

कैंसर से लड़ाई में AI की अहम रोल

फेफड़े का कैंसर अभी भी दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है. खासकर कम आय वाले देशों में, जहां स्क्रीनिंग और इलाज की सुविधाएं कम होती हैं. इन क्षेत्रों में qXR जैसी तकनीक से लंग्स कैंसर का जल्दी पता चल सकता है, जो एक बड़ा बदलाव ला सकती है. हाल ही में यूरोपीय लंग कैंसर कांग्रेस 2025 में एक अध्ययन में बताया गया कि qXR ने 54.1% मामलों में हाई-रिस्क नोड्यूल्स की पहचान की, जिससे यह साबित होता है कि यह एक प्रभावी स्क्रीनिंग टूल है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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