एक नए रिसर्च के अनुसार जो लोग सिंगल रहते हैं, वह अपनी लाइफ में काफी ज्यादा संतुष्ट होते हैं. तथा उनके व्यक्तित्व के गुण जीवनसाथी से भिन्न हो सकते हैं, जैसे कम बहिर्मुखी होना, कम कर्तव्यनिष्ठ होना तथा नए अनुभवों के प्रति कम खुला होना.

जर्मनी के ब्रेमेन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं सहित शोधकर्ताओं ने 27 यूरोपीय देशों में 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के 77,000 से अधिक लोगों का सर्वेक्षण किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह अध्ययन संस्कृतियों और उन लोगों पर नज़र डालने वाला अपनी तरह का पहला अध्ययन है जो अपने पूरे जीवन में अकेले रहे हैं.

टीम ने पाया कि जो लोग कभी भी किसी गंभीर लॉन्गटर्म रिश्ते में नहीं रहे, उन्होंने बहिर्मुखता, खुलेपन और जीवन संतुष्टि के मामले में उन लोगों की तुलना में कम अंक प्राप्त किए जो वर्तमान में सिंगल हैं. पहले किसी साथी के साथ रह चुके हैं या पहले शादीशुदा रहे हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि सभी सिंगल लोगों ने रिश्तों में रहने वाले लोगों की तुलना में इन मापदंडों पर कम अंक प्राप्त किए.

लेखकों ने साइकोलॉजिकल साइंस मैगजीन में पब्लिश रिसर्च में लिखा है कि विश्लेषणों से पता चला है कि आजीवन सिंगल रहने वाले लोग कम बहिर्मुखी, कम कर्तव्यनिष्ठ, अनुभवों के प्रति कम खुले और अपने जीवन से कम संतुष्ट थे. निष्कर्षों ने मददगार नेटवर्क की आवश्यकता और सिंगल लोगों के लिए बेहतर तरीके से ऐसे नेटवर्क बनाने के तरीकों की ओर इशारा किया.

जब मतभेद होते हैं तो वे बुजुर्ग लोगों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकते हैं, जिन्हें अधिक स्वास्थ्य समस्याओं और वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उन्हें अधिक मदद की ज़रूरत होती है और मदद आमतौर पर साथी द्वारा की जाती है, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्रेमेन में मुख्य लेखक और वरिष्ठ शोधकर्ता जूलिया स्टर्न ने कहा.
Published at : 30 Dec 2024 07:18 PM (IST)
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