पैरों में लगातार सूजन: लिवर जब ठीक से काम नहीं करता, तो शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है, जिससे पैरों और टखनों में सूजन आ जाती है. ये सूजन धीरे-धीरे बढ़ती है और सुबह से शाम तक बनी रहती है.

पैरों की त्वचा पर खुजली: लिवर डैमेज होने पर त्वचा में खुजली महसूस होती है. खासकर पैरों और हथेलियों पर. ये खुजली बिना किसी रैश के भी हो सकती है.

पैरों की नसों का उभरना: लिवर की बीमारी में खून का फ्लो प्रभावित होता है जिससे पैरों में नीली या बैंगनी नसें उभरने लगती हैं. ये दिखने में पतली जाल जैसी होती हैं और दर्द भी दे सकती हैं.

पैरों में थकान और भारीपन: लिवर फेलियर की स्थिति में शरीर में टॉक्सिन्स इकट्ठा होने लगते हैं, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. पैरों में भारीपन, कमजोरी और थकान सुबह से ही महसूस होती है.

पैरों की त्वचा का पीलापन: अगर लिवर खराब हो रहा है तो शरीर में बिलीरुबिन बढ़ जाता है जिससे त्वचा पीली या गाढ़ी दिखने लगती है. पैर की स्किन में असामान्य रंगत इसका शुरुआती संकेत हो सकती है.

पैरों पर बार-बार घाव: कमजोर लिवर इम्यून सिस्टम को भी कमजोर कर देता है. इससे पैरों पर बार-बार फोड़े, घाव या इंफेक्शन हो सकते हैं जो जल्दी ठीक नहीं होते.
Published at : 11 Jul 2025 07:01 PM (IST)
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