भ्रामरी प्राणायाम: आंखें बंद करें, गहरी सांस लें और फिर “म” ध्वनि के साथ धीरे-धीरे सांस छोड़ें. यह मधुमक्खी जैसी आवाज निकालने की प्रक्रिया है. इसे करने से तनाव और बेचैनी कम होती है. हार्मोन बैलेंस होता है, साथ ही नींद बेहतर होती है.

कटिचक्रासन: पैरों को थोड़ा फैलाकर सीधे खड़े हों, हाथ कंधे की ऊंचाई तक फैलाएं और शरीर को कमर से एक बार दाईं और फिर बाईं ओर घुमाएं. ये आसन कमर और पीठ की अकड़न कम करता है। साथ ही ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है.

तितली आसन: फर्श पर बैठें, दोनों पैरों के तलवे आपस में मिलाकर पकड़ें और धीरे-धीरे घुटनों को ऊपर-नीचे हिलाएं. ये पेल्विक एरिया की स्ट्रेचिंग करता है. साथ ही बैठने की क्षमता को बेहतर करता है.

पवनमुक्तासन: पीठ के बल लेटें, एक पैर मोड़ें और घुटने को पेट की ओर लाएं. दोनों हाथों से पकड़े रहें और सिर घुटने की ओर लाएं. ये पाचन ठीक करता है. गैस और ब्लोटिंग से राहत देता है.

सेतु बंधासन: पीठ के बल लेटकर, घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर रखें. धीरे-धीरे कमर को ऊपर उठाएं, कंधे और पैर जमीन पर रहें. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है. थकान कम करता है. साथ ही हार्मोन संतुलन में मदद करता है.

शवासन: पीठ के बल सीधे लेट जाएं, आंखें बंद करें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें. धीरे-धीरे लंबी गहरी सांसें लें. ये शरीर को पूरी तरह आराम देता है. मानसिक शांति लाता है. स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करता है.
Published at : 17 Jun 2025 05:25 PM (IST)
हेल्थ फोटो गैलरी
हेल्थ वेब स्टोरीज
lifestyle, hindi lifestyle news, hindi news, hindi news today, latest hindi news, hindi news, hindi news today,
English News