मकर संक्रांति और खिचड़ी का क्या है कनेक्शन, 99% लोग नहीं जानते इसका सही जवाब

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Khichdi on Makar Sankranti : आज 14 जनवरी को पूरा देश मकर संक्रांति मना रहा है. इस पर्व को खिचड़ी नाम से भी जाना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तब यह त्योहार मनाया जाता है. इस दिन कई परंपराएं निभाई जाती हैं. खिचड़ी बनाना, खाना और दान करना भी एक रिवाज है, जो सालों से चला आ रहा है. हम सभी हर साल इस फेस्टिवल पर खिचड़ी खाया करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन खिचड़ी ही क्यों बनाई जाती है, क्या सेहत से भी इसका कोई कनेक्शन है. अगर नहीं तो चलिए जानते हैं…

खिचड़ी बनाने की परंपरा कहां से आई

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और खिचड़ी दान करने की कहानी बाबा गोरखनाथ से जुड़ी है. कहा जाता है कि खिलजी ने आक्रमण से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ था. इसकी वजह से नाथ संप्रदाय के योगियों को भोजन बनाने तक का वक्त नहीं मिल पाता था. कई-कई दिनों तक भोजन की कमी से उनका शरीर कमजोर होता जा रहा था. उनकी दशा बाबा गोरखनाथ से नहीं देखी गई और उन्होंने दाल-चावल और सब्जी को एक साथ मिलाकर पकाने को कहा. उनकी यह सलाह बहुत काम आई और कम समय में खाना आसानी से तैयार होने लगा. इसका नाम बाबा गोरखनाथ ने ही खिचड़ी दिया.

मकर संक्रांति पर खिचड़ी क्यों बनती है

सेहत से भी है खिचड़ी का कनेक्शन

दरअसल, मकर संक्रांति सर्द के दिनों में मनाया जाने वाला त्योहार है. खिचड़ी दाल-चावल को मिलाकर बनाई जाती है. इसमें कई तरह की सब्जियां, मसाले और देसी घी भी मिलायाजाता है.  यह जितना पौष्टिक होता है, उतना ही हल्का भोजन भी है. इसे खाने से सेहत को कई फायदे (Khichdi Health Benefits) मिलते हैं.

खिचड़ी खाने के फायदे क्या हैं

1. पोषक तत्वों का खजाना

खिचड़ी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिंन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो शरीर को पोषण देने का काम करते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करते हैं.

जिससे शरीर में इंफेक्शन जैसी समस्याएं नहीं होती हैं. खिचड़ी में पोटेशियम होता है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर दिल की सेहत को बेहतर बनाता है.

2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

खिचड़ी में दाल-चावल मिलाए जाते हैं, जो आसानी से पच जाते हैं.इससे पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है. खिचड़ी फाइबर का अच्छा सोर्स है. इसे खाने से कब्ज और गैस जैसी समस्याएं नहीं होती हैं. इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के पीड़ितों के लिए खिचड़ी वरदान है. 

3. मोटापा-वजन घटाए

खिचड़ी में कैलोरी कम होने की वजह से वजन और मोटापा घटाने में मददगार होता है. फाइबर होने के चलते यह पेट को ज्यादा देर तक भरा रखता है और ओवरईयिंग से बच जाते हैं. इसके अलावा खिचड़ी में कुछ मसालें डाले जाते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर कैलोरी तेजी से बर्न करते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

 

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