Gayatri Jayanti 2025: हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि इसी तिथि पर मां गायत्री का प्राकट्य हुआ था. इस दिन गायत्री मां की विशेष पूजा आराधना की जाती है और मंत्रों का जाप भी किया जाता है. हिंदू धर्म में मां गायत्री को देवमाता भी कहा गया है, क्योंकि चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियां मां गायत्री से ही निकली हैं.
इस साल गायत्री जयंती शुक्रवार 6 जून 2025 को मनाई जाएगी और इसी दिन निर्जला एकादशी व्रत (Nirjala Ekadashi Vrat 2025) भी रखा जाएगा. आइए जानते हैं गायत्री जयंती पर कौन से शुभ योग, नक्षत्र और मुहूर्त रहेंगे और कैसे करें मां गायत्री की पूजा.
गायत्री जयंती पर बनेंगे ये शुभ (Gayatri Jayanti 2025 Shubh Yog)
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष एकादशी की शुरुआत 6 जून देर रात 2:15 पर हो जाएगी, जिसका समापन 7 जून को सुबह 4:45 पर होगा. सूर्योदय के अनुसार हिंदू धर्म में तिथि की गणना होती है और ऐसे में 6 जून को ही गायत्री जयंती मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार गायत्री जयंती पर भद्रवास का योग रहेगा. भद्रवास का संयोग दोपहर 3:31 से लेकर एकादशी तिथि समाप्त होने तक रहेगा. हालांकि भद्रा पाताल में रहेगी जोकि शुभ माना जाता है. इसके साथ ही गायत्री जयंती पर चित्रा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है और वरीयान योग का निर्माण भी हो रहा है. वरीयान योग सुबह 10:14 तक रहेगा. गायत्री जयंती की पूजा अगर वरीयीन योग में की जाए तो यह अत्यंत शुभ मानी जाती है.
गायत्री जयंती पूजा विधि और मंत्र
गायत्री जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद पूजाघर में गंगाजल छिड़कर घी का दीपक जलाएं. देवी-देवताओं और मां गायत्री को फूल, भोग आदि अर्पित करें और गायत्री मंत्र का जाप करें. ऊं भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
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