खराब लाइफस्टाइल और गलत डाइट की वजह से बवासीर बेहद आम समस्या हो चुकी है. इसकी वजह से मल त्याग के दौरान काफी ज्यादा दर्द, जलन, खुजली और ब्लीडिंग तक की दिक्कत रहती है. आइए आपको बताते हैं कि डाइट सही करके बवासीर के दर्द को ठीक किया जा सकता है?
बवासीर के लिए क्यों जरूरी है सही डाइट?
बवासीर होने की मुख्य वजह कब्ज है. दरअसल, कठोर मल और मल त्याग के दौरान ज्यादा प्रेशर पड़ता है. ऐसे में कब्ज को रोकने और मल को नरम रखने के लिए फाइबर युक्त आहार, पर्याप्त पानी और पाचन तंत्र को हेल्दी रखने वाले फूड्स का सेवन बेहद जरूरी है. बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल और जर्नल ऑफ इन्फ्लेमेशन में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, हाई फाइबर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाले फूड्स से बवासीर की सूजन, दर्द और जलन कम होती है.
इस तरह की डाइट फायदेमंद
बवासीर के दर्द को कम करने के लिए ज्यादा फाइबर वाले फल खाने चाहिए. इसके लिए पपीता बेहद कारगर है. दरअसल, पपीता में पपेन एंजाइम होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज से राहत दिलाता है. रात को पपीता खाने से मल त्याग में आसानी होती है. वहीं, केला पेक्टिन नामक घुलनशील फाइबर से भरपूर होता है, जो मल को मुलायम बनाता है. अगर कब्ज से परेशान हैं तो रोजाना एक पका केला जरूर खाना चाहिए. सेब के छिलके में अघुलनशील फाइबर होता है, जो आंतों को साफ रखता है. ऐसे में सेब को छिलके समेत खाना चाहिए. संतरा और अंगूर भी विटामिन सी और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं.
ये सब्जियां बेहद मददगार
हरी और पत्तेदार सब्जियां बवासीर के लक्षणों को कम करने में बेहद फायदेमंद हैं. इनमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स होते हैं, जो सूजन कम करते हैं. पालक में मैग्नीशियम होता है, जो आंतों की मोबिलिटी बढ़ाता है. ब्रोकली में फाइबर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गुदा की सूजन कम करते हैं. पत्तागोभी भी कब्ज कम करती है और पाचन तंत्र को हेल्दी रखती है. करेला में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बवासीर का दर्द कम करते हैं.
साबुत अनाज भी बेहद कारगर
साबुत अनाज में भी काफी ज्यादा फाइबर होता है, जो मल त्याग को आसान बनाता है और कब्ज रोकता है. ओट्स में घुलनशील फाइबर (बीटा-ग्लूकन) होता है, जो मल को नरम रखता है. सुबह नाश्ते में ओटमील खाना चाहिए. सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस खाने चाहिए, क्योंकि इसमें फाइबर ज्यादा होता है. ज्वार और रागी भी फाइबर से भरपूर होते हैं और बवासीर में फायदेमंद होते हैं.
ईसबगोल की भूसी
ईसबगोल (Psyllium Husk) बवासीर के मरीजों के लिए रामबाण है. इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं, जो मल को भारी और नरम बनाते हैं. रात को सोने से पहले एक चम्मच ईसबगोल की भूसी को गुनगुने पानी या दूध के साथ लेना चाहिए. यह कब्ज को दूर करता है और मल त्याग के दौरान दर्द कम करता है.
मूली और उसका रस
मूली में फाइबर और पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जो कब्ज को दूर करती है. सुबह और रात के वक्त एक चौथाई कप मूली का रस पीने से बवासीर के लक्षणों में राहत मिलती है. आप मूली के पेस्ट में शहद मिलाकर प्रभावित हिस्से पर भी लगा सकते हैं, जिससे जलन और सूजन कम होती है.
नट्स और बीज
नट्स और बीज फाइबर और हेल्दी फैट के अच्छे सोर्स हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं. चिया सीड्स में घुलनशील फाइबर होता है, जो मल को नरम रखता है. इन्हें पानी या जूस में भिगोकर पिएं. अलसी में ओमेगा-3 और फाइबर होता है, जो सूजन को कम करता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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