बुढ़ापे में रहना है हेल्दी तो ये हैं जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स, जानें क्या होते हैं फायदे

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आपकी बॉडी को सरवाइव करने और हेल्दी रहने के लिए विटामिन्स और मिनरल्स दो मेन न्यूट्रिएंट्स हैं. उम्र बढ़ने के साथ बॉडी की जरूरतें चेंज हो जाती हैं, इसलिए सीनियर एडल्ट्स के लिए कुछ खास न्यूट्रिएंट्स पर फोकस करना और भी इम्पोर्टेंट हो जाता है. 

विटामिन्स बॉडी की ग्रोथ और प्रॉपर फंक्शनिंग में हेल्प करते हैं. 13 जरूरी विटामिन्स जैसे विटामिन ए,सी, डी, ई, के, बी-ग्रुप के आठ विटामिन्स अलग-अलग रोल प्ले करते हैं. इसमें इन्फेक्शंस से बचाना, नर्व्स को हेल्दी रखना, फूड अब्जॉर्ब्शन या ब्लड क्लॉटिंग में हेल्प करना आदि शामिल है. एक बैलेंस्ड डाइट से यूज़ुअली इनकी इनफ क्वांटिटी मिल जाती है. 

शरीर के लिए मिनरल्स कितने जरूरी?

मिनरल्स भी बॉडी को प्रॉपर्ली वर्क करने में हेल्प करते हैं. ये ऐसे एलिमेंट्स हैं जो धरती पर और हमारे फूड में पाए जाते हैं और इनकी बॉडी को काम करने के लिए जरूरत होती है. आयोडीन और फ्लोराइड जैसे कुछ की बहुत कम क्वांटिटी चाहिए, जबकि कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे दूसरे मिनरल्स की अधिक नीड होती है. 

इन बातों का रखें ध्यान

बुजुर्गों को अपनी डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए, क्योंकि उम्र के साथ न्यूट्रिएंट्स का अब्जॉर्ब्शन कम हो सकता है. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर या डाइटिशियन की एडवाइस पर सप्लीमेंट्स लेना बेनिफिशियल हो सकता है. आइए जानते हैं ऐसे महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स, तो बुढ़ापे में स्वस्थ और मजबूत रहने में मदद करेंगे.

  • मैग्नीशियम: मैग्नीशियम 300 से ज्यादा बॉडी प्रोसेसेज में इन्वॉल्व होता है, जिसमें मसल्स और नर्व फंक्शन, ब्लड शुगर कंट्रोल, ब्लड प्रेशर रेगुलेशन और बोन हेल्थ शामिल हैं. यह एनर्जी प्रोडक्शन में भी हेल्प करता है. आपको मैग्नीशियम पत्तेदार हरी वेजीटेबल्स, नट्स, सीड्स (कद्दू के सीड्स, चिया सीड्स), लेग्यूम्स और होल ग्रेन्स से मिल जाएगा.
  • विटामिन बी12: विटामिन बी12 नर्व फंक्शन, रेड ब्लड सेल्स के फॉर्मेशन और ब्रेन हेल्थ के लिए इम्पोर्टेंट है. एज बढ़ने के साथ, बॉडी के लिए बी12 को अब्जॉर्ब करना मुश्किल हो जाता है, जिससे इसकी डेफिशियेंसी का रिस्क बढ़ जाता है. विटामिन बी12 एनिमल-बेस्ड फूड्स में पाया जाता है जैसे मीट, फिश, एग्स और डेयरी प्रोडक्ट्स. वेजिटेरियन और वीगन लोगों को सप्लीमेंट्स या फोर्टिफाइड फूड्स की नीड हो सकती है.
  • कैल्शियम: कैल्शियम हड्डियों और टीथ का मेन कॉम्पोनेंट है. एज बढ़ने के साथ ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए इनफ कैल्शियम का इंटेक हड्डियों की डेंसिटी को मेंटेन करने के लिए जरूरी है. इसकी जरूरत मिल्क, योगर्ट, चीज, हरी पत्तेदार वेजीटेबल्स, ब्रोकली और फोर्टिफाइड फूड्स से मिल जाता है.
  • विटामिन डी: विटामिन डी कैल्शियम को अब्जॉर्ब करने में हेल्प करता है, जो हड्डियों को स्ट्रॉन्ग रखने के लिए क्रिटिकल है. एज बढ़ने के साथ बॉडी की विटामिन डी को सिंथेसाइज करने की कैपेसिटी कम हो जाती है. यह इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है. वैसे तो सनलाइट इसका बेस्ट नेचुरल सोर्स है. इसके अलावा, फैटी फिश, अंडे की योक और फोर्टिफाइड मिल्क व सीरियल्स में भी यह मिलता है. डॉक्टर की एडवाइस पर सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं.
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड्स: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स ऐसे एसेंशियल फैट्स हैं, जिनकी आपकी बॉडी को जरूरत होती है. ये आपके हार्ट और ब्रेन की हेल्थ के लिए बहुत बेनिफिशियल होते हैं. ये बॉडी में इन्फ्लेमेशन को कम करने, हार्ट डिजीज के रिस्क को लो करने, और कॉग्निटिव डिक्लाइन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों से प्रोटेक्ट करने में हेल्प करते हैं। फैटी फिश ओमेगा-3 के रिच सोर्सेज हैं. इसके अलावा, फ्लैक्स सीड्स और चिया सीड्स भी ओमेगा-3 प्रोवाइड करते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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