Dadi-Nani Ki Baatein: बेटा दीपक से दीपक मत जलाओ, क्यों कहती है दादी-नानी

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Dadi-Nani Ki Baatein: सभी धर्मों में पूजा-पाठ के लिए विशेष नियम (Puja Niyam) और महत्व हैं, जिसका पालन करना अनिवार्य माना जाता है. इसी तरह हिंदू धर्म में पूजा के दौरान दीप जलाने की परंपरा है. दीपक जलाने से अंधकार दूर होता है और इससे दैवीय शक्ति का संचार भी होता है. शास्त्रों में पूजा के दौरान सुबह और शाम दोनों ही समय दीपक जलाने का महत्व बताया गया है.

लेकिन दीप जलाने के लिए भी कुछ विशेष नियम हैं. जैसे एक दीपक जलाकर इसकी लौ से दूसरा दीपक कभी नहीं जलाना चाहिए. जबकि कई लोग ऐसा करते हैं. हमारे घर के बड़े बुजुर्ग या दादी-नानी भी अक्सर इस गलती के लिए मना करती हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों एक दीप से दूसरा दीप लगाना उचित नहीं होता है.

दादी-नानी की ये बातें आपको कुछ समय के लिए अटपटी या फिर मिथक लग सकती है. लेकिन शास्त्र में इसके कारण और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है. अगर आप दादी-नानी की बताई बातों को फॉलो करेंगे तो सुखी रहेंगे और भविष्य में होनी वाली अशुभ घटना से बच जाएंगे. आइए जानते हैं आखिर क्यों दादी-नानी एक दीपक से दूसरा दीपक जलाने के लिए मना करती हैं.

क्या कहता है शास्त्र

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि, दीप की लौ में अग्नि देव का वास होता है. जब हम दीपक में अग्नि को प्रज्वलित करते हैं तो वह घर की नकारात्मकता को अपनी ओर खीच लेती है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है. ऐसे में जब हम एक दीप से दूसरा दीप जलाएंगे तो दीप में अवशोषित नकारात्मकता भी दूसरे दीपक में प्रवेश कर जाएगी और नकारात्मकता खत्म न होकर घर में ही घूमती रहेगी. यही कारण है कि एक दीप से दूसरा दीप जलाने के लिए मना किया जाता है.

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