Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि, देवी दुर्गा की आराधना का नौ दिवसीय पर्व, आध्यात्मिक शुद्धि और आत्म-संयम का प्रतीक है. इस दौरान कई परंपराएं और नियमों का पालन किया जाता है, जिनमें से एक है बाल न कटवाना. आइए जानते हैं इसके पीछे के धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण:
धार्मिक कारण- हिंदू धर्म में नवरात्रि के दिनों को अत्यंत पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि इस दौरान शरीर को प्राकृतिक अवस्था में रखना चाहिए,जिससे देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त हो सके. बाल और नाखून काटना अशुद्ध क्रिया मानी जाती है, क्योंकि इससे शरीर की पवित्रता भंग हो सकती है.。
आध्यात्मिक कारण- नवरात्रि आत्म-शुद्धि और ध्यान का समय है. बाल और नाखून न काटने से व्यक्ति भौतिक इच्छाओं से दूर रहकर आंतरिक साधना पर केंद्रित हो सकता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति में सहायता मिलती है.。
वैज्ञानिक कारण- नवरात्रि के समय मौसम परिवर्तनशील होता है. बाल और नाखून न काटने से शरीर की ऊर्जा संतुलित रहती है और संक्रमण का खतरा कम होता है. बालों को काटने से शरीर के हिस्से खुल जाते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
क्या करें:
- सात्विकता का पालन करें: मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन न करें.
- स्वच्छता बनाए रखें: घर और पूजा स्थल की सफाई करें और गंदगी से दूर रहें.
- अनुशासन का पालन करें: नियमित पूजा और ध्यान करें, जिससे मन की शुद्धि हो सके.
क्या न करे
- बाल और नाखून न काटें: नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून काटने से बचें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है.
- तामसिक भोजन से बचें: मांसाहार, लहसुन और प्याज का सेवन न करें, क्योंकि यह पूजा की पवित्रता को प्रभावित कर सकता है.
- नकारात्मकता से दूर रहें: क्रोध, झगड़े और नकारात्मक विचारों से बचें, जिससे मन की शांति बनी रहे.
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