कहा जाता है कि हर किसी के दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरता है. अगर खाने वाला वेजिटेरियन है तो पनीर सबसे पहली पसंद होती है. वहीं, पनीर की जगह दूसरे ऑप्शन तलाशे जाएं तो बात छोले और राजमा पर आ जाती है, जिन्हें पकाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. अक्सर कहा जाता है कि पानी में बर्फ डालकर उबालने से राजमा एक ही बार में गल जाता है. आइए जानते हैं कि क्या है हकीकत?
इस तरह बनाया जाता है राजमा
राजमा को पकाने से पहले उसे भिगोना और उबालना पड़ता है. सबसे पहले सूखे राजमा को आमतौर पर 8-12 घंटे या रात भर पानी में भिगोया जाता है, ताकि वे नरम हो जाएं और पकाने का समय कम हो. भिगोने से न केवल राजमा का आकार बढ़ता है, बल्कि यह रैफिनोज और स्टैक्योज को भी कम करता है, जो पाचन में दिक्कत या गैस का कारण बन सकते हैं. भिगोने के बाद राजमा ताजे पानी में उबाला जाता है.
उबालना क्यों जरूरी होता है राजमा?
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के अनुसार, सूखे राजमा में फाइटोहेमाग्लूटिनिन (पीएचए) नामक नैचुरल पॉइजन होता है, जो कच्चा या अपर्याप्त रूप से पका राजमा पकाने से उल्टी, दस्त और पेट दर्द की दिक्कत हो सकती है. इस जहर का असर करने के लिए राजमा को कम से कम 10 मिनट तक 212°F (100°C) पर उबालना जरूरी होता है. हालांकि, एक्सपर्ट्स राजमा 30 मिनट तक पकाने की सलाह देते हैं, जिससे जहर का पूरी तरह खत्म हो सके. इसके बाद राजमा को नरम और क्रीमी बनाने के लिए धीमी आंच पर 45 मिनट से 2 घंटे तक उबालना जरूरी होता है.
क्या है बर्फ डालकर उबालने का हैक?
कई यूट्यूब वीडियो और इंस्ट्राग्राम रील्स में कई शेफ ने दावा किया है कि राजमा को उबालते समय पानी में बर्फ डालने से यह जल्दी नरम हो जाता है. इस हैक के लिए राजमा को पहले भिगोया जाता है, फिर उबालने के लिए पानी में डाला जाता है. जैसे ही पानी उबलना शुरू होता है, उसमें बर्फ के टुकड़े डाले जाते हैं, जिसके बाद उबालने की प्रक्रिया जारी रखी जाती है. दावा है कि यह तरीका राजमा को एक बार में गलाने में मदद करता है, जिससे इसे पकाने में 30-40 मिनट तक कम लगते हैं.
क्या बर्फ से आता है अंतर?
जब पानी में बर्फ डाली जाती है तो यह पानी के तापमान को अस्थायी रूप से कम कर देती है. अगर पानी 100°C पर उबल रहा है तो बर्फ डालने से तापमान 80-90°C तक गिर सकता है, जो फाइटोहेमाग्लूटिनिन को नष्ट करने के लिए नाकाफी है. हालांकि, फूड एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह प्रक्रिया ज्यादा असरदार नहीं है, क्योंकि भिगोने के कारण राजमा की स्किन पहले ही नरम हो जाती है. वहीं, उबालते वक्त पानी का हाई टेंपरेचर ही स्किन और अंदरूनी हिस्से को पकाने के लिए काफी होता है. बर्फ डालने से तापमान में अस्थायी कमी आती है, लेकिन यह प्रक्रिया उबालने के कुल समय को कम नहीं करती है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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