बुद्ध जयंती पर क्यों बढ़ जाता है पीपल वृक्ष की पूजा का महत्व

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वैशाख महीने की पूर्णिमा को ही बुद्ध जयंती मनाई जाती है, जोकि इस साल सोमवार 12 मई 2025 को है. इस दिन स्नान, दान, व्रत-उपवास और भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही पीपल वृक्ष की पूजा महत्व भी होता है.

पुराणों में वर्णित है कि, पीपल वृक्ष में श्रीहरि का वास होता है और वैशाख पूर्णिमा का दिन भी भगवान विष्णु को समर्पित है. इसलिए वैशाख पूर्णिमा पर पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है. इस दिन पीपल की पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

पुराणों में वर्णित है कि, पीपल वृक्ष में श्रीहरि का वास होता है और वैशाख पूर्णिमा का दिन भी भगवान विष्णु को समर्पित है. इसलिए वैशाख पूर्णिमा पर पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है. इस दिन पीपल की पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

वैशाख पूर्णिमा पर बुद्ध जयंती भी मनाई जाती है, जोकि बौद्ध अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है. कहा जाता है कि बोधि वृक्ष (पीपल) के नीचे ही भगवान बुद्ध से वर्षों तपस्या की थी और इसी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसलिए इस खास दिन पर पीपल की पूजा का महत्व होता है.

वैशाख पूर्णिमा पर बुद्ध जयंती भी मनाई जाती है, जोकि बौद्ध अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है. कहा जाता है कि बोधि वृक्ष (पीपल) के नीचे ही भगवान बुद्ध से वर्षों तपस्या की थी और इसी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसलिए इस खास दिन पर पीपल की पूजा का महत्व होता है.

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि, वैशाख पूर्णिमा पर पीपल वृक्ष की पूजा करने से कुंडली में शनि, गुरु समेत कई ग्रहों की अशुभता कम होती है. साथ ही इस दिन मंदिर के प्रांगण या किसी खाली स्थान पर पीपल वृक्ष लगाने से राहु-केतु का अशुभ प्रभाव भी कम होता है.

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि, वैशाख पूर्णिमा पर पीपल वृक्ष की पूजा करने से कुंडली में शनि, गुरु समेत कई ग्रहों की अशुभता कम होती है. साथ ही इस दिन मंदिर के प्रांगण या किसी खाली स्थान पर पीपल वृक्ष लगाने से राहु-केतु का अशुभ प्रभाव भी कम होता है.

कहा जाता है कि पीपल में पितरों का भी वास होता है. पीपल वृक्ष की पूजा करने से पितृ प्रसन्न और संतुष्ट होते हैं. अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष हो तो वैशाख पूर्णिमा पर पीपल वृक्ष की पूजा अवश्य करें.

कहा जाता है कि पीपल में पितरों का भी वास होता है. पीपल वृक्ष की पूजा करने से पितृ प्रसन्न और संतुष्ट होते हैं. अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष हो तो वैशाख पूर्णिमा पर पीपल वृक्ष की पूजा अवश्य करें.

वैशाख पूर्णिमा पर सुबह स्नानादि के बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीपल वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं. इसके बाद 3 बार परिक्रमा करें और दीपक जलाएं.

वैशाख पूर्णिमा पर सुबह स्नानादि के बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पीपल वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं. इसके बाद 3 बार परिक्रमा करें और दीपक जलाएं.

Published at : 11 May 2025 02:40 PM (IST)

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