ब्रेस्ट कैंसर का जिक्र होते ही मन में इस खतरनाक बीमारी से जूझती महिला के प्रति सिंपैथी उमड़ आती है. लेकिन ये बीमारी सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं है. पुरुषों में भी ये कैंसर देखने को मिल सकता है. हालांकि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ये प्राॅब्लम रेयर है. अक्सर इसके लक्षणों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. जब तक डायग्नोज होता है, देर हो चुकी होती है. आखिर पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण किस तरह सामने आते हैं और कब सतर्क हो जाना चाहिए? आइए इस बारे में जानते हैं…
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के कारण
- ब्रेस्ट में सेल्स अनियंत्रित हो जाएं: महिलाओं की तरह पुरुषों के ब्रेस्ट में सेल्स बढ़ने लगते हैं. पुरुषों में दूध पैदा करने वाले ग्लैंड नहीं होते हैं. लेकिन फैटी नलिकाएं और ब्रेस्ट सेल्स होते हैं. इसमें कैंसर बन सकता है.
- एज फैक्टर: पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है. आमताैर पर 60 से 70 साल की उम्र में पुरुषों में इस बीमारी का रिस्क अधिक रहता है.
- जेनेटिक: फैमिली हिस्ट्री भी पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकती है. बाॅडी में बीआरसीए 1 और बीआरसीए 2 जैसे जीन में म्यूटेशन देखने को मिल सकता है. जिससे पुरुषों में इस रेयर कैंसर का रिस्क बढ़ सकता है.
- एस्ट्रोजन लेवल बढ़ना: क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम या सिरोसिस जैसी लिवर की बीमारियों के चलते बाॅडी में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ सकता है. इससे पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ने का खतरा हो जाता है.
- एक्स्ट्रा फैट: बाॅडी पर एक्स्ट्रा फैट कई हेल्थ इश्यूज का कारण बनता है, लेकिन ये ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क भी बढ़ाता है. फैटी टिश्यू पुरुषों में एस्ट्रोजन लेवल को बढ़ा सकते हैं.
- शराब: शराब का सेवन किसी भी मात्रा में शरीर के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता. ये पुरुषों में कई तरह के कैंसर की वजह बन सकता है. लेकिन ये ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क भी बढ़ाता है.
पुरुषों में इस तरह सामने आते हैं लक्षण
- गांठ बनना: निप्पल के पास ब्रेस्ट टिश्यू में गांठ बन जाना. इसमें शुरुआत में कोई दर्द महसूस नहीं होता है.
- निप्पल में बदलाव: निप्पल का अंदर की ओर चले जाना. निप्पल में से खून निकलना. इस जगह पर स्किन लाल हो जाना.
- स्किन में चेंज: पुरुषों के ब्रेस्ट के पास की स्किन में बदलाव दिखना. स्किन में गड्ढे पड़ सकते हैं. ये लाल या दानेदार हो सकते हैं. घाव भी देखने को मिल सकते हैं.
इस तरह करें बचाव
वजन: बाॅडी वेट कंट्रोल करने से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. ये ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क को भी कम करता है. वेट कम होने से बाॅडी पर से फैट हट जाता है. एक्स्ट्रा फैट कम होने से बाॅडी में एस्ट्रोजन का लेवल कम करने में मदद मिल सकती है.
शराब से दूरी: कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए शराब से दूरी बनाना ही उचित है. इससे बाॅडी में हार्मोन बैलेंस की समस्या का रिस्क कम होता है, जो कैंसर की वजह बनता है.
ये भी पढ़ें: रोजाना एक हरा पत्ता खा लिया तो पेशाब से गायब हो जाएंगे सारे झाग, किडनी की सेहत बनी रहेगी
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
lifestyle, hindi lifestyle news, hindi news, hindi news today, latest hindi news, hindi news, hindi news today,
English News