बॉबी देओल एक इंटरव्यू के दौरान बताते हैं कि आश्रम’ सीज़न 3 के प्रमोशन के दौरान उन्हें वर्टिगो अटैक आया था. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें अभी भी प्रमोशन के दौरान घबराहट महसूस होती है, तो बॉबी ने बताया कि उन्हें कैसा महसूस हुआ था. उन्होंने कहा, यह पहली बार था जब मैं एक खलनायक की भूमिका निभा रहा था. और मैं निश्चित रूप से नर्वस था. मुझे याद है कि जिस दिन मैं इसका प्रचार कर रहा था. मुझे वर्टिगो अटैक आया था क्योंकि मुझे वर्टिगो की समस्या है. मुझे लगता है कि इस तरह के किरदार को निभाने पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी. इस बारे में बहुत घबराहट और डर था.
इस बीमारी के कारण दिमाग पर पड़ता है बुरा असर
बॉबी ने आगे कहा कि कई बार, अभिनेता दूसरों से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि उन्हें अपनी क्षमताओं पर भरोसा ही नहीं रहता. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक अभिनेता के लिए सबसे कमज़ोर बिंदु तब होता है जब उनका दिमाग खराब हो जाता है और वे जो हासिल करने में सक्षम हैं, उस पर विश्वास करना बंद कर देते हैं. नतीजतन, कई लोग जो वास्तव में चाहते हैं, उसे पाने के बजाय आसान रास्ता चुन लेते हैं. फिर उन्होंने कहा कि बाबा निराला का किरदार निभाना उनके लिए आसान विकल्प नहीं था क्योंकि वह अपना करियर फिर से शुरू कर रहे थे और उन्होंने एक ऐसी भूमिका चुनी थी जिसमें उन्हें पहले कभी नहीं देखा गया था.
क्या होती है वर्टिगो
वर्टिगों में मरीज को आसपास की चीजें घूमती हुई नजर आती हैं. अगर मरीज एक जगह बैठा है या खड़ा है तो उसे लगेगा कि उसके पास मौजूद सभी वस्तुएं और इंसान चारों ओर घूम रहे हैं. यह एक मेंटल डिसीज है.
वर्टिगो दो तरह के होते हैं
वर्टिगों बीमारी को दो रूपों में देखा गया है. पेरिफेरल वर्टिगो, जिसमें कान के अंदरुनी हिस्से में या वेस्टिबुलर तंत्रिका में किसी तरह की प्रॉब्लम होती है. कान में अधिक इंपफेक्शन हो गया हो तो यह समस्या पेरिफेरल वर्टिगो बन जाती है. वेस्टिबुलर तंत्रिका शरीर का बैलेंस बनाने का काम करती है. दूसरी तरह की वर्टिगों का नाम है सेंट्रल वर्टिगो. यह बीमारी कोई स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, माइग्रेन, इन्फेक्शन, सिर में गंभीर चोट लगने पर हो सकती है.
वर्टिगों के लक्षण जान लिजिए
चक्कर आना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, पसीना अधिक आना, कमजोरी महसूस होना, तेज आवाज न सुन पाना, बैलेंस बनाने में कठिनाई होना, सिर में तेज दर्द होना, कम सुनाई देना, उंचाई से डर लगना, हर वक्त गिरना जैसा महसूस होना शामिल है.
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अब वर्टिगो का इलाज
वर्टिगो अटैक आने पर डॉक्टर रेस्ट करने की सलाह देते हैं. योगा करने से भी ब्रेन का संतुलन बनता है. तेज शोर या किसी ऐसी जगह न जाएं, जहां ब्रेन परेशान हो. यदि परेशानी अधिक हो रही है तो तुरंत मनोचिक्तिसक को दिखाएं.
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