मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने के लिए सबसे सही समय कौन-सा, जिससे मिले ज्यादा से ज्यादा फायदा?

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मसल हेल्थ की बात हो या ब्रेन फंक्शन, एनर्जी प्रॉडक्शन और अच्छी नींद की, शरीर के कई बेहद जरूरी कार्यों के लिए बतौर मिनरल मैग्नीशियम काफी अहम होता है. इन सभी के अलावा मैग्नीशियम का काम शरीर में सूजन पर कंट्रोल करना भी होता है. साथ ही, टेंशन, कब्ज और खराब नींद की दिक्कत भी इसी मिनरल्स से दूर होती है. हालांकि, बाकी मिनरल्स की तरह इसे लेने का भी सही वक्त होता है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

मैग्नीशियम लेने का सही वक्त क्यों जरूरी?

अधिकतर लोगों को यह बात नहीं पता होती है कि मैग्नीशियम की वजह से दिनभर में हमारे शरीर की कई जरूरतें पूरी होती हैं. ऐसे में अपने शरीर का बेहतर तरीके से ध्यान रखने के लिए मैग्नीशियम के इनटेक की टाइमिंग सही होना बेहद जरूरी है. यही वजह है कि हमें मैग्नीशियम की डोज तय करनी चाहिए और रोजाना एक ही समय पर इसका सेवन करना चाहिए. खास बात यह है कि मैग्नीशियम की डोज भोजन के साथ या उसके बिना भी ले सकते हैं. हालांकि, अगर आपका पेट काफी ज्यादा सेंसटिव है तो मैग्नीशियम की डोज खाने के साथ लेनी चाहिए. इससे किसी भी तरह से होने वाली परेशानी को कम किया जा सकता है.

सुबह के वक्त मैग्नीशियम लेने के फायदे

अगर आप मैग्नीशियम की डोज एनर्जी लेवल बढ़ाने, टेंशन कम करने और ब्रेन फंक्शन को बेहतर करने के लिए ले रहे हैं तो इसके इनटेक का सबसे सही वक्त सुबह का है. मैलेट, ग्लाइसीनेट और टॉरेट जैसे मैग्नीशियम ब्लडस्ट्रीम में जल्दी मिल जाते हैं. ये आपको दिनभर एकदम शांत और फोकस्ड बनाए रखते हैं. अगर आप कब्ज से परेशान हैं तो सुबह के समय मैग्नीशियम लेना काफी अच्छा रहता है. इसके अलावा मैग्नीशियम की डोज लेने से माइग्रेन की दिक्कत दूर होती है और पाचन में सुधार होता है. हालांकि, मैग्नीशियम के कई रूप जैसे साइट्रेट आदि का सेवन करने से कुछ घंटे बाद पेट क्लियर करने में दिक्कत हो सकती है. ऐसे में इसका सेवन अपने शरीर के हिसाब से करें.

शाम के वक्त मैग्नीशियम लेने के फायदे

मेलाटोनिन नाम के हार्मोन के प्रॉडक्शन में मैग्नीशियम अहम भूमिका निभाता है. दरअसल, इसी हार्मोन से हमारी नींद का चक्र तय होता है. ऐसे में सोने से एक-दो घंटे पहले मैग्नीशियम की डोज लेने से शरीर को आराम मिलता है और रात में अच्छी नींद आती है. मैग्नीशियम ग्लाइसीनेट और साइट्रेट का सेवन रात के वक्त करना ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि इनके इफेक्ट ज्यादा आराम पहुंचाते हैं.

एक्सरसाइज के बाद मैग्नीशियम लेने के फायदे

अगर आप एक्सरसाइज के बाद मैग्नीशियम की डोज ले रहे हैं तो इससे मसल्स को रिलैक्स करने में मदद मिलती है. वर्कआउट के बाद मैग्नीशियम लेने से मसल क्रैंप में राहत मिलती है और दर्द कम हो सकता है. मैग्नीशियम क्लोराइड या एप्सम सॉल्ट बाथ के इस्तेमाल से मसल रिकवरी काफी तेज होती है. उदाहरण के लिए देखें तो सॉल्ट बाथ अच्छा ऑप्शन हो सकता है. इस दौरान एक्सरसाइज की वजह से हुए मैग्नीशियम का नुकसान पूरा करने में मदद मिलती है और ओवरऑल मसल हेल्थ बेहतर होती है.

मैग्नीशियम लेने का सुरक्षित तरीका कौन-सा?

मैग्नीशियम को रोजाना एक ही टाइमिंग पर लेना चाहिए और इसकी डोज भी तय करनी चाहिए. इससे यह ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है. अगर आपका पेट खराब रहता है तो इसे खाने के साथ लेना चाहिए. हालांकि, इस दौरान ज्यादा फाइबर वाला भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि मैग्नीशियम की वजह से उसे पचाने की रफ्तार धीमी हो सकती है. किसी दूसरी दवा के रिएक्शन से बचने के लिए मैग्नीशियम की डोज अन्य मेडिसिन से करीब दो घंटे के गैप में लेनी चाहिए. अगर आपने गलती से मैग्नीशियम की एक डोज मिस कर दी है तो कभी भी डोज को डबल न करें. अगली डोज को अपने तय वक्त पर ही लें. हालांकि, इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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