तेजी से बढ़ रहा बर्ड फ्लू का खतरा, जानें पोल्ट्री फार्म में काम करने वालों के लिए ये कितना

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आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को पश्चिमी गोदावरी, पूर्वी गोदावरी, कृष्णा और एनटीआर जिलों में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) के प्रकोप को रोकने के लिए कई उपायों की घोषणा की हैं.  यह फैसला पिछले तीन दिनों में लाखों पोल्ट्री पक्षियों की मौत को देखकर ली गई है. पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. टी. दामोदर नायडू, जिन्होंने सुबह राज्य के कृषि मंत्री के. अच्चेन्नायडू द्वारा आयोजित एक टेलीकांफ्रेंस के बाद स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने एक बयान में कहा कि पिछले तीन दिनों में तनुकु मंडल (पश्चिम गोदावरी) के वेलपुरु गांव और पेरावली मंडल (पूर्वी गोदावरी) के कनुरू अग्रहारम और कृष्णा और एनटीआर जिलों के कई हिस्सों से बड़ी संख्या में पोल्ट्री पक्षियों की मौत की सूचना मिली है.

इस व्यवसाय से अधिक आमदनी लेने के लिये पोल्ट्री फार्म में बीमारियों का प्रबंधन (Diseases Management), मुर्गियों का टीका करण (Vaccination) और मुर्गियों के बाड़े में साफ-सफाई(Cleanliness) रखना बेहद जरूरी है. किसान चाहें तो मुर्गियों का ख्याल रखने के लिये बायोसिक्योरिटी (Biosecurity) का सस्ता और टिकाऊ साधन भी अपना सकते हैं.

क्यों जरूरी है बायोसिक्योरिटी
अकसर मुर्गी बाड़े की साफ-सफाई और मुर्गियों की सेहत में लापरवाही के कारण बर्ड फ्लू, रानीखेत और गम्बोरो जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. बायोसिक्योरिटी इन्हीं समस्याओं की रोकथाम करने में मदद करता है. आज देश के कई इलाकों में पशु चिकित्सकों की कमी महसूस की जा सकती है, ऐसे में बायोसिक्योरिटी को अपनाकर पोल्ट्री किसान खुद ही मुर्गियों की सेहत का ध्यान रख सकते हैं.

बायोसिक्योरिटी के तहत मुर्गी बाड़े की सुरक्षा और मुर्गियों का इलाज जैविक तरीकों से किया जाता  है.

इसमें मुर्गी बाड़े की साफ-सफाई, मुर्गियों का टीका कारण और औषधियों का इस्तेमाल करके मुर्गियों का इलाज करना शामिल है.

मौसम बदलाव के कारण बीमारियों के बढ़ते खतरे के बीच बायोसिक्योरिटी अपनाकर बीमारी को दूसरे फार्म में फैलने से रोका जा सकता है.

पहले से ही बायोसिक्योरिटी पर काम करने से बीमारियों की संभावना ही खत्म हो जाती है.

कैसे करें बायोसिक्योरिटी

बायोसिक्योरिटी(Biosecurity) कुछ और नहीं बल्कि जैविक तरीकों से पोल्ट्री फार्म (Poultry Farm) की निगरानी करने का तरीका है, जिससे मुर्गियों से स्वस्थ अंडे और मांस का उत्पादन लिया जा सके.

समय-समय पर मुर्गियों की जांच करते रहें और बीमार-कमजोर मुर्गियों को अलग बाड़े में रखें.

पोल्ट्री फार्म में नये पक्षियों को लाने से पहले फार्म की सफाई करें और नये-पुराने सभी पक्षियों की जांच करें.

फार्म में क्या नहीं करना है?

प्रवासी पक्षियों को फार्म में प्रवेश करने की अनुमति दें

नए मुर्गियों को शेड में लाएं

मृत पक्षियों को परिसर में रहने दें

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मल, पंख, अंग और रक्त को फैलने दें

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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