पाॅपुलर होने के लिए लोग कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं. उन्हें सोशल मीडिया इसके लिए आसान तरीका लगता है. जहां कई तरह के ऑनलाइन चैलेंज और ट्रेंड में पार्टिसिपेट कर वह अपनी इस हसरत को पूरा करने की कोशिश करते हैं. लेकिन ये लाइक और व्यूज पाने का खेल कब जानलेवा हो जाता है, पता भी नहीं लगता. ऐसे ही एक ऑनलाइन ट्रेंड ‘डस्टिंग’ में पार्टिसिपेट करने से 19 साल की लड़की जान चली गई. आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला…
क्या है मामला?
अमेरिका की 19 साल की लड़की फेमस होना चाहती थी. वह इस बारे में अपने पैरेंट्स से भी कहा करती थी. कहती थी कि एक दिन दुनिया में मशहूर होकर दिखाएगी. लेकिन वह खतरे से अंजान थी. नहीं जानती थी कि जो रास्ता चुन रही है, वह उसे माैत की ओर ले जाएगा. अपनी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए उसने ऑनलाइन ट्रेंड डस्टिंग का सहारा लिया. ब्वाॅयफ्रेंड के साथ मिलकर एरोसोल कीबोर्ड क्लीनर मंगवाया. जिसे सूंघने के बाद लड़की को कार्डियक अरेस्ट हो गया. एक हफ्ते तक वह अस्पताल के आईसीयू में माैत से जंग लड़ती रही. बाद में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. दुनिया में फेसम होने की चाह में एक टीनएजर की जान चली गई.
क्या है डस्टिंग?
सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर कई तरह के चैलेंज और ऑनलाइन ट्रेंड चलते रहते हैं. इसमें चैलेंज दिया जाता है या फिर किसी टास्क को चुनकर खुद पूरा करना होता है. इस चैलेंज को कंप्लीट करते हुए वीडियो शूट कर सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर अपलोड करनी होती है. इसके बाद ऐसे वीडियो लाइक और व्यूज आने का सिलसिला शुरू हो जाता है. ऐसा ही एक ऑनलाइन ट्रेंड हैं डस्टिंग. इसे क्रोमिंग या हफिंग के रूप में भी जाना जाता है. आसान शब्दों में इस ट्रेंड को समझा जाए तो पार्टिसिपेट करने वाले नशे में धुत होने के लिए घरेलू उत्पादों से निकलने वाली गैसों का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए एयर डस्टर, क्लीनिंग स्प्रे, एरोसोल क्लीनर, पेंट थिनर, डियोड्रेंट या हेयरस्प्रे जैसी चीजों का यूज किया जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होता है.
किस तरह पड़ता है बाॅडी पर असर?
डस्टिंग की तरह किसी भी ऑनलाइन ट्रेंड के लिए नशीली चीजों या केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो एरोसोल पेंट, पेंट थिनर, मोटर फ्यूल, ग्लू जैसे घरेलू उत्पादों में हाईड्रोकार्बन्स माैजूद होते हैं. अगर ये बाॅडी में जाते हैं तो खतरनाक साबित हो सकते हैं. बाॅडी में ऑक्सीजन को खत्म कर देते हैं. इससे दम घुटना, कार्डियक अरेस्ट, घुटन, कोमा, घातक चोट, सफोकेशन आदि की प्राॅब्लम हो सकती है, जो माैत की वजह भी बन सकता है.
शुरुआत में इस तरह सामने आते हैं लक्षण
- सांस फूलना
- सिरदर्द
- सुस्ती
- मांसपेशियों में कमजोरी
- मतली और उल्टी
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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