Yoga Day 2025: कुरुक्षेत्र, जहां श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया, वहीं पर स्वामी रामदेव और एबीपी न्यूज़ की एंकर शरीन ने योग की महत्ता पर चर्चा की. स्वामी रामदेव ने बताया कि योग केवल आसन नहीं, बल्कि कर्मयोग, ध्यान, प्राणायाम और आत्म संयम का विज्ञान है. उन्होंने कहा कि योग से न केवल शरीर स्वस्थ होता है, बल्कि व्यक्ति आत्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय रूप से भी मजबूत होता है.
उन्होंने बताया कि बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी के लिए योग जरूरी है और यह जीवन को अनुशासित बनाता है. खास बात यह रही कि छोटे छोटे बच्चे हवा में योगासन करते दिखे, जिससे उनकी शक्ति, लचीलापन और संतुलन सामने आया. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर स्वामी रामदेव ने इस वर्ष की थीम ‘योग धर्म बने युग धर्म’ पर जोर देते हुए कहा कि योग को जीवन का धर्म बनाना होगा. उन्होंने बताया कि आज दुनिया युद्ध के संकट से घिरी है, लेकिन इसका समाधान युद्ध नहीं, योग है. योग कर्म, सहयोग, उद्यम, संतुलन और आत्मानुशासन का समन्वय है.
‘पाकिस्तान को जवाब देने में सक्षम है सेना’
बाबा रामदेव ने कहा, ‘हमारी सेनाएं सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ सब इस पर काबू पाने के लिए सक्रिय हैं. सीआरपीएफ के जवान भी सीमा पर तैनात हैं. हमारी सेना दुश्मन के इलाके में 100-200 किलोमीटर तक घुसकर आतंकवादियों के ठिकानों को 25 मिनट में तबाह कर देती है. ये है नए भारत की शक्ति, जिस पर देश को गर्व है. राजनीतिक और भावनात्मक एकता के कारण भारत अब ऐसा संदेश दे रहा है कि कोई भी दुश्मन अब भारत को आंखें नहीं दिखा सकता. चाहे परमाणु बम हो या कोई और खतरा, भारत डरा नहीं.
‘अनुशासन और चरित्र निर्माण’
स्वामी रामदेव ने मंच से बच्चों के योग प्रदर्शन का निरीक्षण किया, जिसमें चक्रासन, वृश्चिकासन और मल्लखंभ शामिल थे. उन्होंने कहा, “ये बच्चे 3 से 5 साल की उम्र में योग सीखना शुरू करते हैं. योग केवल शरीर नहीं, बल्कि चरित्र का निर्माण भी करता है.”
एंकर के सवाल पर कि क्या युवा जिम की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं और योग पीछे छूट रहा है, स्वामी रामदेव ने कहा, “अब ऐसा नहीं है. लोग समझ चुके हैं कि योग से सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि मन और आत्मा भी सशक्त होती है. जहां जिम ताकत देता है, योग संतुलन देता है.”
राष्ट्रविरोधी ताकतों पर सख्त प्रतिक्रिया
राजनीतिक संदर्भ में राष्ट्रविरोधी ताकतों के बहिष्कार पर सवाल पर स्वामी रामदेव ने कहा, “यह बौद्धिक अपरिपक्वता है. योग, भारत, संस्कृति और राष्ट्रधर्म का विरोध करने वालों का वैचारिक बहिष्कार आवश्यक है. तभी भारत स्वस्थ, समर्थ और संगठित बन सकेगा.”
योग से राष्ट्र का निर्माण
कार्यक्रम के अंत में एंकर ने कहा, “कुरुक्षेत्र से यह संदेश गया कि योग धर्म युग धर्म बने. योग से राष्ट्र का निर्माण संभव है. जब हर आत्मा में योग होगा, तो विश्व में शांति, प्रेम और करुणा का साम्राज्य होगा.” स्वामी रामदेव ने भी इस बात पर जोर दिया कि भारत को स्वस्थ, समर्थ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर बच्चे, युवा और बुजुर्ग को योग से जोड़ना होगा. यही योग धर्म है और यही राष्ट्र धर्म.
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