Sambhal Temple: संभल में इस समय एक विवाद छिड़ा हुआ है जिसमें हिंदू समुदाय का दावा है कि कलयुग के भगवान कल्कि का जन्म यहीं होने वाला है. ये विवाद खासतौर पर हरिहरि मंदिर के आस-पास फैल रहा है जहां कल्कि भगवान के जन्म की भविष्यवाणी की जा रही है. इस मामले को समझने के लिए एबीपी न्यूज ने प्राचीन कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा से बातचीत की जो पीढ़ियों से इस मंदिर की देखभाल कर रहे हैं.
पुजारी महेंद्र शर्मा के अनुसार कल्कि भगवान का जन्म संभल में होगा जो एक विशेष स्थान पर स्थित है. उनके मुताबिक ये स्थान गंगा और रामगंगा के बीच होगा जो पवित्र नदियों के मध्य में स्थित है. इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि मंदिर के आस-पास त्रिकोणात्मक संरचना है जो इस स्थान की पवित्रता को दर्शाती है. उनका दावा है कि इस मंदिर से तीन योजन की दूरी पर गंगा और रामगंगा स्थित हैं जो इसे और भी पवित्र बनाती है.
संभल का महत्व और शिव के आशीर्वाद से मंदिरों का निर्माण
पुजारी महेंद्र शर्मा के मुताबिक संभल का स्वरूप त्रिकोणीय है और यहां के तीनों कोनों में महादेव के मंदिर स्थित हैं. इस स्थान को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त है. पूरब दिशा में चंद्रेश्वर महादेव, दक्षिण में गोपालेश्वर महादेव, और उत्तर दिशा में भूवनेश्वर महादेव के मंदिर हैं जो इस स्थान की धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता को दर्शाते हैं.
कल्कि भगवान के परिवार और उनकी भविष्यवाणी
महेंद्र शर्मा ने बताया कि कल्कि भगवान का जन्म ब्राह्मण परिवार में होगा. उनके पिता का नाम विष्णु यश, मां का नाम सुमति और बाबा का नाम ब्रह्म यश होगा. उनका कहना है कि कल्कि भगवान के चार भाई होंगे जिनमें सुमंत, परागिक, कवि और कल्कि शामिल होंगे. उनका ये भी कहना है कि कल्कि भगवान के जन्म के प्रमाण हमारे धर्म ग्रंथों में स्पष्ट रूप से दिए गए हैं और उनका आगमन कलयुग के अंत के संकेत होगा.
महेंद्र शर्मा ने ये भी बताया कि संभल को अनादि काल से एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान माना जाता है. उनके अनुसार इस स्थान का निर्माण त्रिशंकु राजा ने किया था जो शिव के परम भक्त थे. साथ ही उनका कहना है कि भगवान कल्कि के अवतार से पहले संभल में देवताओं ने दो महत्वपूर्ण यज्ञ किए थे. एक राजा ययाति का यज्ञ और दूसरा राजा दक्ष का यज्ञ.
कल्कि भगवान की दो पत्नियां होंगी
महेंद्र शर्मा के अनुसार भगवान कल्कि का स्वरूप विष्णु के रूप में होगा और उनका जन्म हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक ऐतिहासिक घटना होगी. उन्होंने यह भी बताया कि कल्कि भगवान की दो पत्नियां होंगी जिनका नाम पदमा और रमा होगा. पदमा लक्ष्मी स्वरूपा होंगी और रमा का चेहरा कभी किसी ने नहीं देखा क्योंकि वह भगवान राम से आशीर्वाद प्राप्त कर चुकी हैं.
पुजारी महेंद्र शर्मा ने ये भी कहा कि संभल में भगवान कल्कि के आगमन के बाद ये नगर तीर्थराज के रूप में प्रसिद्ध होगा. उनका मानना है कि प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे सफाई अभियान से इस स्थान की धार्मिक महत्ता और बढ़ेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सनातन धर्म कभी पैदा नहीं होता बल्कि यह अनादि और शाश्वत है. यह स्थान भविष्य में तीर्थ नगरी के रूप में विकसित होगा.
संभल का धार्मिक नक्शा और भविष्यवाणी
महेंद्र शर्मा ने दावा किया कि यह धार्मिक नक्शा लगभग 1000 साल पुराना है और इसे स्कंद पुराण से प्राप्त किया गया है. उनका कहना है कि ये नक्शा बेहद पवित्र है और इस नक्शे के अनुसार संभल के आसपास स्थित शिवलिंग और महादेव के मंदिर भविष्य में इस स्थान को और भी पवित्र बना देंगे.
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