बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर को क्यों मांगनी पड़ी माफी? महाकुंभ से है इसका कनेक्शन

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Malayalam TV Channe Remark: भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट न्यूज की ओर से महाकुंभ पर की गई टिप्पणी को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने चैनल के शीर्ष अधिकारियों को यह याद दिलाया कि “हर हिंदू के लिए आस्था महत्वपूर्ण है.”
मामला 01 मार्च, 2025 को प्रसारित एशियानेट न्यूज के वीकली कार्यक्रम “कवर स्टोरी” से जुड़ा है. इस कार्यक्रम में कुंभ में डुबकी लगाने वाले केरल के लोगों पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया,”केरल में 100 प्रतिशत साक्षरता होने के बावजूद कुंभ मेला स्नान और भाजपा को खुश करना कई लोगों का पसंदीदा विषय बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गंगा स्नान का अच्छा विज्ञापन, अच्छा व्यवसाय और अच्छा पीआर हुआ, जिससे कुंभ मेला केरल में भी लोकप्रिय हो गया.” इस टिप्पणी को हिंदू आस्था का अपमान बताया जा रहा है.
राजीव चंद्रशेखर का कड़ा जवाबराजीव चंद्रशेखर ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा, “कई मलयाली लोगों ने मुझसे संपर्क किया और बताया कि कार्यक्रम ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. मेरा परिवार भी महाकुंभ मेले में भाग लेने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं में से एक था.” उन्होंने एशियानेट न्यूज के शीर्ष अधिकारियों से कहा, “इस तरह के धार्मिक आयोजन पर लापरवाह और व्यंग्यात्मक टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. हर हिंदू के लिए आस्था महत्वपूर्ण है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केरल सहित पूरे देश के करोड़ों हिंदू चाहते हैं कि उनकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जाए.
भाजपा की प्रतिक्रिया: “डोनाल्ड ट्रंप की फंडिंग वाली मीडिया!”इस विवाद पर केरल भाजपा के अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मलयालम मीडिया को वही फंडिंग मिल रही है जिसका जिक्र डोनाल्ड ट्रंप ने किया था. यह वही फंडिंग है, जो जॉर्ज सोरोस जैसे लोगों से आती है. उन्होंने सवाल उठाया कि मक्का में हज करने जाने वाले हाजियों की गिनती नहीं होती, लेकिन कुंभ में स्नान करने वाले लोगों की संख्या पर सवाल उठाए जाते हैं!
भाजपा और एशियानेट न्यूज के बीच पुराना विवादबता दें कि केरल में भाजपा और एशियानेट न्यूज के बीच पहले भी कई बार टकराव हुआ है. 2015 में केरल भाजपा ने चैनल के बहिष्कार की घोषणा की थी, क्योंकि “इसमें वामपंथी विचारधारा वाले पत्रकारों का दबदबा” बताया गया. 2021 में केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने एशियानेट न्यूज के पत्रकारों को अपनी प्रेस मीटिंग में शामिल होने से रोका.
वहीं, 2006 में चंद्रशेखर ने एशियानेट न्यूज में हिस्सेदारी खरीदी, लेकिन इसके बावजूद भाजपा और चैनल के रिश्ते तनावपूर्ण बने रहे. इस पूरे विवाद से साफ है कि मीडिया की स्वतंत्रता और धार्मिक आस्थाओं के सम्मान के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है.

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