Jihadi Engineer Killed Parents: मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे चुके इंजीनियर हुमायू कबीर पर दिमाग में जिहाद का ऐसा भूत चढ़ा कि जो भी उसकी विचारधारा का विरोध करता था उस पर हमला कर देता था. इतना ही नहीं वो अपनी मां-बाप की जान का दुश्मन भी बन गया. 2012 में जादवपुर यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग पास करने वाले हुमायूं जिहाज से जुड़ी सामग्री को सर्च करता रहता था और बांग्लादेश भागने की फिराक में था.
अपने मां-बाप की हत्या के मामले में गिरफ्तार हुए इंजीनियर हुमांयू कबीर के बारे में कई हैरान कर देने वाले खुलासे हुए हैं. हत्या से पहले उसके माता-पिता ने उसकी बहन, हावड़ा के स्कूल टीचर तमन्ना रहमान और पड़ोसियों से आग्रह किया कि वे कबीर के दिमाग में कुछ समझ पैदा करें और उसके दिमाग से कट्टरपंथी विचारों को निकाल दें. हुमायूं कबीर का पिछले साल तलाक हो गया था और पांच महीने पहले उसकी नौकरी भी चली गई थी. वो नोएडा की एक कंपनी में काम करता था.
तलाक के बाद हुमायूं के दिमाग में और चढ़ गया जिहाद का भूत
पुलिस जांच में यह भी पता चला कि कबीर का अतीत की परेशानियों से भरा था. उसे जानने वाले लोग उसे जिद्दी, गुस्सैल और हठी बताते थे. कथित तौर पर हाल के महीनों में वह कट्टरपंथी विचारधाराओं में तेजी से शामिल हो गया था. तलाक के बाद उसकी निजी जिंदगी ने भी उसे और ज्यादा जिद्दी बना दिया.
उसके माता-पिता ने उसे बार-बार ऐसी गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी, जिससे घर में तनाव बढ़ गया. मेमारी में पड़ोसियों से बात करने पर पता चला कि कबीर का निकाह हुआ और उसकी बीवी से बिल्कुल नहीं बनती थी क्योंकि वो उसकी विचारधारा का समर्थन नहीं करती थी. उसकी पत्नी के माता-पिता दुबई में रहते थे. एक साल के भीतर ही शादी टूट गई. तलाक का असर उसके दिमाग पर पड़ने लगा.
बार-बार कहता था- जन्नत जाऊंगा
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “करीब पांच महीने पहले, उसके पिता नोएडा गए और उसकी नौकरी जाने के बाद वापस घर ले आए.” सरकारी वकील समीर दास ने अदालत को बताया कि पुलिस को कबीर के चरमपंथी संबंधों की जांच करने के लिए समय चाहिए. कबीर ने बार-बार कहा कि वह जन्नत जाएगा. उसने यह भी दावा किया कि उसके माता-पिता गरीबों के साथ बुरा व्यवहार करते थे, जो इस्लाम के खिलाफ है.
पुलिस ने क्या बताया?
हालांकि, पुलिस ने कहा कि उसके माता-पिता के प्रति उसकी गहरी नाराजगी उसे सुधारने के उनके बार-बार कोशिशों की वजह से थी. कबीर को यह भी लगने लगा था कि उसके माता-पिता धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं. जांचकर्ताओं ने कहा कि उसने हाफिजिया खारिजिया अनाथालय मदरसा को इसलिए चुना क्योंकि यह भारत-बांग्लादेश सीमा से सिर्फ छह किलोमीटर की दूरी पर है. पुलिस ने पाया कि कबीर ने बोनगांव स्टेशन पर पहुंचने के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा के लिए दिशा-निर्देश मांगे थे, जो हमले के बाद बांग्लादेश भागने की संभावित योजना का संकेत देता है.
पुलिस के मुताबिक, उसने अपने माता-पिता की हत्या करने और मदरसे में शिक्षकों पर हमला करने के लिए जिस चाकू का इस्तेमाल किया, वह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीदा गया था. मंगलवार को स्थानीय लोगों ने दावा किया कि उसे चाकू लेकर घूमते देखा गया था. पूर्वी बर्दवान के एसपी सायक दास ने चल रही जांच पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने कहा, “कबीर से पूछताछ के बाद हम कुछ चीजों के बारे में जान पाएंगे. पुलिस अलग-अलग सोर्सों से इनपुट इकट्ठा कर रही है. पूछताछ के दौरान ऐसी जानकारियों की पुष्टि की जाएगी.”
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