US Deportation Row: अमेरिका से अबतक 332 अवैध भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किया जा चुका है. जब 15 फरवरी को दूसरा विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ तो उसमें से उतरे सिख युवक पगड़ी पहने हुए नहीं थे. एयरपोर्ट पर कागजी कार्रवाई करते समय का उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इसको लेकर अमेरिका की निंदा की.
वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि अमृतसर एयरपोर्ट पर डिपोर्ट किए गए लोग बिना पगड़ी के ही फर्श पर बैठे हुए हैं. कांच के गेट से उन्हें देखा जा सकता है. एसजीपीसी ने कथित तौर पर सिख लोगों को सिख समुदाय की पहचान का प्रतीक पगड़ी पहनने की इजाजत नहीं देने की अमेरिकी अधिकारियों की कार्रवाई की कड़ी निंदा की. एयरपोर्ट के बाहर भारतीय प्रवासियों के लिए लंगर और बस सेवा प्रदान करने के लिए लगाए गए एसजीपीसी पदाधिकारी ने सिख प्रवासियों को पगड़ी दी.
अमेरिका अधिकारियों के सामने उठाएंगे मुद्दा: SGPC 16 फरवरी को लाए गए अवैध प्रवासियों में से एक ने दावा किया कि अमेरिका से भारत की यात्रा के दौरान वो बेड़ियों में जकड़े हुए थे, जिसको लेकर विपक्षी दलों ने चिंता जताई थी. इस पर एसजीपीसी महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि ये अफसोस की बात है कि प्रवासी भारतीयों को बेड़ियों में बांधकर लाया गया था और सिख निर्वासित लोगों ने पगड़ी नहीं पहनी थी. उन्होंने कहा कि एसजीपीसी जल्द ही इस मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाएगी.
Several Sikh deportees who were in deportation flight didn’t have turbans on their heads at the time of landing last night at Sri Guru Ram Das Airport Amritsar. US military aircraft carrying 119 indian Deportees It’s violation of basic human right of dignified treatment . pic.twitter.com/IWyoNdK0zQ
— Gurshamshir Singh (@gswaraich6) February 16, 2025
अकाली दल ने भी की अमेरिका की निंदा
शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी भारतीय सिखों को कथित तौर पर पगड़ी के बिना भेजने के लिए अमेरिकी अधिकारियों की निंदा की. उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले को तुरंत अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाने का आग्रह करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं कभी नहीं दोहराई जानी चाहिए.
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 332 भारतीय प्रवासी
अमेरिका ने तीन सैन्य विमानों से 332 भारतीय प्रवासियों को वापस भेज दिया है. पहला विमान 104 भारतीय प्रवासियों को लेकर 5 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था. इनमें हरियाणा और गुजरात से 33-33 और पंजाब से 30 लोग थे.
इसके बाद दूसरा विमान 15 फरवरी को लैंड किया, जिसमें 116 भारतीय प्रवासी सवार थे. डिपोर्ट किए गए पुरुषों ने दावा किया है कि पूरी यात्रा के दौरान वो बेड़ियों में बंधे हुए थे, जबकि सिख युवक कथित तौर पर बिना पगड़ी के थे. इनमें पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, 2-2 उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से और 1-1 हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से थे.
इसके बाद रविवार (16 फरवरी) को अमेरिका का तीसरा सैन्य विमान 112 भारतीयों को लेकर अमृतसर में लैंड किया. इनमें 44 हरियाणा से, 33 गुजरात से, 31 पंजाब से, दो उत्तर प्रदेश से, और एक-एक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से थे. अवैध अप्रवासियों में 19 महिलाएं और 14 नाबालिग थे, जिनमें दो शिशु भी शामिल थे.
अमेरिकी विमान की अमृतसर में लैंडिंग पर सवाल
अमेरिका से डिपोर्ट किए अवैध भारतीय प्रवासियों से भरे विमान को अमृतसर में लैंड कराए जाने पर भी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत कई विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर एक साजिश के तहत पंजाब को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. वहीं बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को बेवजह तूल दे रहा है.
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