ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने गुरुवार (10 जुलाई, 2025) को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस), राज्य सरकार के अधिकारियों और कुछ बैंकों को अवैध धर्मांतरण गिरोह के कथित सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की संपत्तियों, खातों और वित्तीय स्थिति का पता लगाने के लिए पत्र लिखा, आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है.
संघीय जांच एजेंसी जल्द ही अदालत में याचिका दायर कर बलरामपुर जिले के रहने वाले उस व्यक्ति से पूछताछ के लिए हिरासत में रिमांड का अनुरोध करेगी, जिसका असली नाम करीमुल्ला शाह है. जलालुद्दीन, उसके बेटे महबूब और साथियों नवीन उर्फ जमालुद्दीन और नीतू उर्फ नसरीन को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है और वे फिलहाल जेल में बंद हैं.
पश्चिम एशिया के बैंकों में ट्रांसफर हुए पैसे
ईडी की लखनऊ जोनल इकाई ने बुधवार (09 जुलाई, 2025) को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था, जिसमें लखनऊ के गोमती नगर पुलिस थाने में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और कुछ अन्य के खिलाफ एटीएस की प्राथमिकी का संज्ञान लिया गया.
एजेंसी सूत्रों ने बताया कि ईडी को प्रारंभिक जानकारी मिली है, जिससे पता चलता है कि इस व्यक्ति ने अपने और अपने सहयोगियों से जुड़े 40 बैंक खातों में लगभग 106 करोड़ रुपये जमा किए हैं, जिनमें से ज्यादातर पश्चिम एशिया से हैं.
धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को करता था मजबूर
सूत्रों ने आरोप लगाया कि जलालुद्दीन ने एक व्यापक नेटवर्क बनाया था, जो बलरामपुर में ‘चांद औलिया दरगाह’ के परिसर से संचालित हो रहा था, जहां वह नियमित रूप से बड़ी सभाएं आयोजित करता था, जिनमें भारतीय और विदेशी दोनों नागरिक शामिल होते थे.
सूत्रों ने दावा किया कि इस व्यक्ति ने अपने धार्मिक प्रवचनों, ‘शिजरा-ए-तैय्यबा’ नामक पुस्तक के प्रकाशन के माध्यम से इस्लाम को बढ़ावा दिया, जबकि अन्य धर्मों के लोगों, विशेष रूप से हिंदुओं, अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से वंचित व्यक्तियों को व्यवस्थित रूप से धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित और मजबूर किया.
अपराध से कमाए पैसे की ED कर रहा जांच
सूत्रों ने बताया कि अपराध से कमाए पैसे का पता लगाने के लिए ईडी ने एटीएस, बलरामपुर जिला अधिकारियों और कुछ बैंकों के धन शोधन निरोधक प्रकोष्ठों को पत्र लिखकर जलालुद्दीन, उसके परिवार और उससे जुड़े लोगों की चल-अचल संपत्तियों, खातों और वित्त के बारे में जानकारी मांगी है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी जलालुद्दीन की गतिविधियां न केवल समाज के, बल्कि राष्ट्र के भी विरुद्ध हैं.
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