केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार (7 फरवरी,2025) को 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘स्किल इंडिया कार्यक्रम’ को वर्ष 2026 तक जारी रखने और इसके पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल के इस फैसले की जानकारी दी.
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नए आयकर बिल को भी मंजूरी दे दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘स्किल इंडिया कार्यक्रम (एसआईपी)’ को 2026 तक जारी रखने और इसके पुनर्गठन के लिए 8,800 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी.
कौशल भारत कार्यक्रम के लिए 8 हजार करोड़ रुपये का ऐलान
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 (पीएमकेवीवाई 4.0), प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना (पीएम-एनएपीएस) और जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) योजना अब ‘स्किल इंडिया कार्यक्रम’ की समग्र केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत जोड़ दिए गए हैं. पीएमकेवीवाई 4.0 के लिए 6,000 करोड़ रुपये, पीएम-एनएपीएस के लिए 1,942 करोड़ रुपये और जेएसएस के लिए 858 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, यह मंजूरी देशभर में मांग-संचालित, प्रौद्योगिकी-सक्षम और उद्योग-अनुकूल प्रशिक्षण को एकीकृत करके एक कुशल, भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.
2.27 करोड़ से ज्यादा हैं लाभार्थी
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘इन पहलों का उद्देश्य सुगठित कौशल विकास, नौकरी पर प्रशिक्षण और समुदाय-आधारित शिक्षा प्रदान करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वंचित समुदायों सहित शहरी और ग्रामीण दोनों आबादी को उच्च गुणवत्ता वाली व्यावसायिक शिक्षा तक पहुंच मिले.’ कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की तीन प्रमुख योजनाओं के तहत इस समय करीब 2.27 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं.
पीएमकेवीवाई 4.0 में कौशल विकास प्रशिक्षण को उद्योग उन्मुख बनाने, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ तालमेल बिठाने और पहुंच बढ़ाने के लिए परिवर्तनकारी बदलाव किए गए हैं. इस योजना के तहत एक महत्वपूर्ण बदलाव अल्पकालिक कौशल कार्यक्रमों के भीतर ‘नौकरी के साथ प्रशिक्षण’ का एकीकरण है. यह सुनिश्चित करता है कि प्रशिक्षुओं को वास्तविक दुनिया का अनुभव और उद्योग का अनुभव प्राप्त हो.
उद्योग की उभरती मांगों और नए दौर की प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों एवं भविष्य के कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हुए एआई, 5जी प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा, हरित हाइड्रोजन, ड्रोन तकनीक पर 400 से अधिक नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं.
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