<p style="text-align: justify;">तेलंगाना सरकार ने सोमवार (7 अप्रैल, 2025) को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ भूमि के मुद्दे पर कथित रूप से झूठा विमर्श फैलाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से तैयार सामग्री के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है.</p>
<p style="text-align: justify;">मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के कथित तौर पर झूठे विमर्शों पर गंभीरता से संज्ञान लेने के बाद यह याचिका दायर की गई. याचिका के मुताबिक ये फर्जी विमर्श हैदराबाद विश्वविद्यालय से सटी 400 एकड़ जमीन पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अवसंरचना विकसित करने के सरकार के कदम में बाधा डाल रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने पांच अप्रैल को अधिकारियों को हैदराबाद विश्वविद्यालय की भूमि पर कथित अतिक्रमण के संबंध में “भ्रामक” एआई सामग्री के निर्माण की जांच के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया था.</p>
<p style="text-align: justify;">तेलंगाना सरकार द्वारा कांचा गाचीबोवली में 400 एकड़ भूमि को आईटी अवसंरचना के लिए विकसित करने की योजना का हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ ने विरोध किया है. इस मामले की सुनवाई अब तेलंगाना उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में चल रही है.</p>
<p style="text-align: justify;">आंदोलनकारी छात्रों का दावा है कि 400 एकड़ जमीन विश्वविद्यालय की है जबकि राज्य सरकार का कहना है कि यह जमीन उसकी है. मुख्यमंत्री ने पांच अप्रैल को अधिकारियों को हैदराबाद विश्वविद्यालय से सटी 400 एकड़ भूमि के संबंध में भ्रामक सामग्री को रोकने के लिए साइबर अपराध विभाग को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया.</p>
<p style="text-align: justify;">मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने रेड्डी को बताया कि मोरों के रोने की आवाज के साथ कथित तौर पर फर्जी ऑडियो क्लिप बनाई गई थी और फर्जी तस्वीरें और वीडियो में घटनास्थल पर हिरणों को घायल अवस्था में तथा बुलडोजर से बचते हुए दिखाया गया था.</p>
<p style="text-align: justify;">तेलंगाना में पार्टी मामलों की एआईसीसी प्रभारी मीनाक्षी नटराजन ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए रविवार को विश्वविद्यालय के छात्रों और नागरिक संस्थाओं के साथ बैठक की.</p>
<p style="text-align: justify;">हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ ने नटराजन से आग्रह किया था कि वे (छात्र)संघ को, विशेषज्ञ संकाय और शोधकर्ताओं के साथ मिलकर कांचा गाचीबोवली की भूमि पर क्षति आकलन सर्वेक्षण करने और जैव विविधता आंकड़ा एकत्र करने की अनुमति देने के लिए कदम उठाएं.</p>
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कांचा गाचीबोवली भूमि मुद्दा: AI से तैयार ‘फर्जी’ सामग्री के खिलाफ कोर्ट जाएगी तेलंगाना सरकार

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