Godavari-Banakacherla Link Project: तेलंगाना सरकार ने आंध्र प्रदेश की ओर से प्रस्तावित गोदावरी-बनकचेरला लिंक प्रोजेक्ट पर चर्चा के लिए बुधवार (18 जून) को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में सभी दलों के सांसदों की बैठक बुलाई. इस बीच, केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से जल्दबाजी में मुलाकात की.
हालांकि, जी. किशन रेड्डी को भी बैठक में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उन्होंने दिल्ली में पाटिल से मिलना चुना, जबकि भाजपा के दो अन्य सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया. केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी का राज्य की बैठक के बजाए केंद्रीय मंत्री से मिलने का निर्णय स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है और तेलंगाना राजनीति में भाजपा की चुनौतीपूर्ण स्थिति को उजागर करता है.
प्रोजेक्ट को लेकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच छिड़ा है विवाद
गोदावरी-बनकचेरला प्रोजेक्ट को लेकर तेलुगू राज्यों (तेलंगाना और आंध्र प्रदेश) के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही भाजपा के लिए संतुलन बनाना मुश्किल हो रहा है. पार्टी तेलंगाना में लगातार मजबूत हो रही है, वहीं आंध्र प्रदेश में भाजपा सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है. यह दोहरी स्थिति एक जटिल चुनौती पैदा करती है, क्योंकि केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देने वाली अधिकारी है, जिस पर दोनों राज्यों में विवाद छिड़ गया है.
तेलंगाना का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पीएम मोदी से करेगा मुलाकात
सर्वदलीय बैठक के बाद स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस रणनीतिक रूप से BRS को सीधे और भाजपा को परोक्ष रूप से निशाना बना रही है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने गोदावरी-बनकचेरला प्रोजेक्ट को लेकर आंध्र प्रदेश के दुस्साहस के लिए पूर्व बीआरएस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने सांसदों को आश्वासन दिया कि राज्य का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर केंद्र से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी न देने का आग्रह करेगा.
राज्य से पूरा प्रस्ताव मिलने पर होगी जांच, फिर होगी कार्रवाई- केंद्रीय जलशक्ति मंत्री
केंद्र का रुख भी सतर्क है. तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी के पत्र के जवाब में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने प्रक्रियात्मक सही तरीके से आश्वासन दिया. पाटिल ने कहा, “इस मामले की जांच करवाई गई है. गोदावरी-बनकचेरला योजना का विस्तृत प्रस्ताव अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है. राज्य सरकार से प्रस्ताव मिलने पर केंद्रीय जल आयोग मौजूदा दिशा-निर्देशों, ट्रिब्यूनल के फैसलों, अंतर-राज्यीय समझौतों और APRA 2014 के प्रावधानों के अनुसार इसकी जांच करेगा. इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.”
भाजपा सासंद ने तेलंगाना सरकार पर जनता को धोखा देने का लगाया आरोप
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद धरना पुरी अरविंद ने तेलंगाना सरकार पर तेलंगाना की जनता और किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इस मामले में दोहरा रवैया अपना रहे हैं. एक तरफ वह कृष्णा और गोदावरी से तेलंगाना को पानी दिलाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का नाटक करते हुए दिल्ली जाकर केंद्र सरकार को बदनाम कर रहे हैं, वहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके राजनीतिक गुरु चंद्रबाबू नायडू ने इस संबंध में एक भी पत्र नहीं लिखा है, जिससे साफ पता चलता है कि वह इस मामले में बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं, बल्कि राजनीति कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि “केंद्र सरकार बनकचेरला मुद्दे के सभी पहलुओं की जांच कर रही है, जिससे पार्टी की रणनीति और स्थानीय चिंताओं के बीच तालमेल बना रहे.”
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