Telangana Caste Survey Report: तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा सामाजिक-आर्थिक, शैक्षिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति (SEEEPC) सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. यह सर्वेक्षण 96.9% परिवारों को कवर करते हुए केवल 50 दिनों में संपन्न हुआ. पूरी प्रक्रिया, कैबिनेट प्रस्ताव से रिपोर्ट पेश करने तक, एक साल के अंदर पूरी की गई.
दरअसल, यह जाति सर्वेक्षण का वादा राहुल गांधी की ओर से 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान किया गया था. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही इस सर्वेक्षण को शुरू कर दिया था.
कैबिनेट उप-समिति को रिपोर्ट सौंपी गईरविवार को सिंचाई और नागरिक आपूर्ति मंत्री कैप्टन एन. उत्तम कुमार रेड्डी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट उप-समिति ने योजना विभाग से इस बड़े सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्राप्त की. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि इस डेटा का उपयोग पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान के लिए नीतिगत निर्णयों को दिशा देने में किया जाएगा.
उच्च-स्तरीय बैठक में सर्वेक्षण रिपोर्ट पेशएक उच्च-स्तरीय बैठक में योजना विभाग के प्रधान सचिव संदीप कुमार सुल्तानिया, राज्य नोडल अधिकारी अनुदीप दुरीशेट्टी, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मंत्रियों उत्तम कुमार रेड्डी, डी. सीतक्का, पोनम प्रभाकर और दामोदर राजा नरसिम्हा के समक्ष सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की.
4 फरवरी को कैबिनेट और विधानसभा में होगी रिपोर्ट पर चर्चाठीक एक साल पहले, 4 फरवरी 2024 को तेलंगाना कैबिनेट ने इस सर्वेक्षण को मंजूरी दी थी. रिपोर्ट 4 फरवरी को सुबह 10 बजे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी, जिसके बाद उसी दिन विधानसभा में इस पर चर्चा होगी. तेलंगाना सरकार के अनुसार, स्वतंत्रता के बाद का यह सबसे बड़ा सर्वेक्षण 3,54,77,554 व्यक्तियों को शामिल करता है. इसमें प्रमुख जनसांख्यिकीय आंकड़े निम्नलिखित हैं:
पिछड़ा वर्ग (BC): 1,64,09,179 व्यक्ति (46.25%)अनुसूचित जाति (SC): 61,84,319 व्यक्ति (17.43%)अनुसूचित जनजाति (ST): 37,05,929 व्यक्ति (10.45%)कुल मुस्लिम जनसंख्या: 44,57,012 व्यक्ति (12.56%)BC मुस्लिम: 35,76,588 व्यक्ति (10.08%)OC मुस्लिम: 8,80,424 व्यक्ति (2.48%)अन्य OC: 44,21,115 व्यक्ति (13.31%)कुल OC जनसंख्या: 15.79%
कल्याणकारी योजनाओं के पुनर्संरचना में होगा उपयोगमंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि इन निष्कर्षों का उपयोग तेलंगाना की कल्याणकारी योजनाओं को पुनर्संरचना में किया जाएगा, ताकि संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित किया जा सके.
कम लागत में पूरा हुआ सर्वेक्षणउत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि बिहार की जाति जनगणना में 6 महीने लगे और 500 करोड़ रुपये खर्च हुए. तेलंगाना ने मात्र 50 दिनों में और कम लागत में सर्वेक्षण पूरा किया.
बता दें कि तेलंगाना सरकार की ओर से किया गया यह ऐतिहासिक सर्वेक्षण सामाजिक-आर्थिक नीतियों को बेहतर बनाने में मदद करेगा. सरकार अब इस डेटा के आधार पर कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर समाज के हर वर्ग तक लाभ पहुंचाने की योजना बना सकती है.
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