Sambhal News: संभल में जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) के पास बन रही नई पुलिस चौकी को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी इसके निर्माण को लेकर केंद्र और योगी सरकार पर निशाना साधा है.
संभल के जिलाधिकारी ने कहा है कि जमीन नगर पालिका की संपत्ति के रूप में दर्ज है। इसी बीच एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि यह जमीन वक्फ की संपत्ति है.
असदुद्दीन ओवैसी ने साधा निशाना
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि काशी की मस्जिद में नमाज बंद हैं. इसके अलावा ये लोग मथुरा की ईदगाहों पर नजर लगाये बैठे हैं. संभल की मस्जिद का किस्सा आपके सामने है. एक ही दिन में केस बनता है. इसके बाद ड़ेढ़ घंटे में ऑर्डर और एक घंटे में सर्वे हो जाता है. इसमें 5 लोग शहीद भी हो जाते हैं. इसके बाद भी जब इनका जी नहीं भरा तो मस्जिद के 100 मीटर के भीतर ही वक्फ की जमीन पर पुलिस की आउटपोस्ट बना रहे हैं. ये लोग बिल भी इसी वजह से लेकर आए हैं, ताकि वक्फ बोर्ड को कमजोर किया जा सके.
‘वो जमीन वक्फ के कागजों में दर्ज है’
उन्होंने आगे कहा,”संभल के कलेक्टर कह रहे हैं कि हमें कागज नहीं दिख रहे हैं. कलेक्टर साहब आपको वही दिख रहे हैं, जो योगी और मोदी दिखाना चाह रहे हैं. वो जमीन वक्फ के कागजों में दर्ज है. इससे पहले मंगलवार को ओवैसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है. इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभल में इस माहौल बनाने के जिम्मेदार हैं.
उन्होंने कुछ कथित दस्तावेज संलग्न करते हुए लिखा, “यह वक्फ नंबर 39-ए, मुरादाबाद है. यह उस जमीन का वक्फनामा है जिस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार को कानून का कोई एहतराम नहीं है.
संभल के जिलाधिकारी ने अपने बयान में कही ये बात
संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि पुलिस चौकी के निर्माण के सिलसिले में अब तक जो दस्तावेज सामने आए हैं उनके संबंध में कोई भी प्रमाणित और कानूनी पक्ष हमारे पास नहीं आया है.उन्होंने कहा, ‘‘जो दस्तावेज आए थे उनकी जांच की गई और वे अपंजीकृत दस्तावेज हैं. जांच अभी जारी है. अगर कोई व्यक्ति पुख्ता दस्तावेज लेकर आता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. पत्रकारों के इस सवाल पर कि क्या यह जमीन सरकारी है या किसी और की है, पेंसिया ने कहा कि यह नगर पालिका की संपत्ति के रूप में पंजीकृत है, जिसे पुलिस चौकी बनवाने के लिए दिया गया है.
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