‘यासिन मलिक को जम्मू-कश्मीर ले जाने से बिगड़ सकते हैं हालात’, सुप्रीम कोर्ट में CBI की दलील

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CBI in Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 21 नवंबर को यासीन मलिक के जम्मू कोर्ट में पेश करने के फैसले के विरुद्ध सीबीआई के चैलेंज को लेकर सुनवाई हुई. जम्मू कोर्ट में 1990 में श्रीनगर ने बाहरी क्षेत्र में चार भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की हत्या और 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के मामले चल रहा है. इन दोनों ही मामलों में यासीन मलिक मुख्य आरोपी है. जिसे लेकर जम्मू कोर्ट ने यासीन मलिक की पेशी की बात कही है.
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है यासीन मलिक
यासीन मलिक अभी टेरर फंडिंग केस में दिल्ली की तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. साल 2022 में कोर्ट की सुनवाई में यासीन मलिक को आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (Terrorist and Disruptive Activities (Prevention) Act) के केस में पेश होने को कहा था. मलिक ने भी पेश होने पर सहमति जताई थी.
सीबीआई ने मलिक की पेशी पर क्या कहा?
जम्मू कोर्ट में यासीन मलिक को पेश करने के फैसले पर सीबीआई ने कहा कि यासीन मलिक की पेशी से जम्मू-कश्मीर के वातावरण में तनाव आ सकता है और इससे मलिक के लिए खतरा साबित हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच के समक्ष सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ‘हम यासीन मलिक को जम्मू-कश्मीर में नहीं लेकर जाना चाहते हैं’. इसपर जस्टिस ओका ने पूछा, ‘तो वीडियो कॉन्फेंसिंग से क्रॉस-एग्जामिनेशन की प्रक्रिया कैसे पूरी जाएगी.’ बेंच ने जम्मू में इंटरनेट स्पीड के बिंदू को भी बताया.
दिल्ली में ही हो सकती है सुनवाई- सॉलिसिटर जनरल
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘यासीन मलिक कोर्ट से सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने की चाल चल रहा है. अगर मलिक कोर्ट के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने की इच्छा रखता है तो उसकी सुनवाई को दिल्ली में ही की जा सकती है.’ तुषार मेहता ने कहा कि यासीन मलिक कोई साधारण आतंकवादी नहीं है, इसपर जस्टिस ओका ने कहा, ‘बताएं कि इस सुनवाई में कितने गवाह मौजूद हैं. हमारे देश में अजमल कसाब तक को एक न्यायसंगत सुनवाई का मौका दिया गया था.’
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जेल में सुनवाई पर जताई सहमति
सुप्रीम कोर्ट ने बेंच ने फिर जेल में यासीन मलिक की सुनवाई को लेकर सहमति जताई. बेंच ने केंद्र को पूछा है कि इस मामले में कितने गवाह पेश होंगे और उन सभी सुरक्षा को लेकर व्यवस्था करने को कहा. इस मामले में अगली सुनवाई अगले गुरुवार (28 नवंबर) को होगी.
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