Supreme Court Judge BR Gavai : भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई (बी. आर. गवई) ने सोमवार (14 अप्रैल) को संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर को उनकी 135वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. बाबासाहेब की 135वीं जयंती पर अपने संबोधन में न्यायाधीश बी. आर. गवाई ने कहा, “भारतीय संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसने देश को मजबूत, स्थिर और एकजुट बनाया है.”
प्रधान न्यायाधीश के बाद शीर्ष अदालत के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश गवई ने डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित प्रथम ‘डॉ. अंबेडकर स्मृति व्याख्यान’ के दौरान अपना संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा, “बाबासाहेब अंबेडकर देश के महानतम सपूतों में से एक और एक दूरदर्शी थे, जिन्होंने एक अर्थशास्त्री, एक समाज सुधारक और एक शिक्षाविद् के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दिया.”
भारत के नागरिक संविधान निर्माण अंबेडकर की भूमिका को हमेशा याद रखेंगे- गवई
न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि देशवासी भारत के संविधान निर्माता के रूप में बाबासाहेब अंबेडकर के महानतम योगदान को हमेशा याद रखेंगे. न्यायमूर्ति ने भारत का संविधान तैयार करने में अंबेडकर के योगदान पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि संविधान के कामकाज की पिछले 75 वर्षों की यात्रा इसके सभी अंगों यानी विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के माध्यम से संतोषजनक रही है.
बाबासाहेब अंबेडकर ने देश को एक अमूल्य संविधान दिया- बीआर गवई
उन्होंने आगे कहा, “बाबासाहेब डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर का संविधान सभा में शुरुआती प्रवेश केवल अनुसूचित जातियों, शोषितों और दलितों के हितों की रक्षा के लिए था और आज जब हम उनकी 135वी जयंती मना रहे हैं तो मैं इस देश को एक ऐसा संविधान देने में उनके अमूल्य योगदान को याद करता हूं, जो न केवल पिछले 75 साल से समय की सभी कसौटियों पर खरा उतरा है बल्कि यह एक ऐसा संविधान है जिसने भारत को मजबूत, स्थिर और एकजुट बनाया है.”
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