मतदान करने वालों की संख्या, लिंग का ब्योरा, मतदान प्रतिशत जैसी जानकारियों को वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि उसने सभी लोगों को इस विषय पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा वह पहले चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखें.
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह 10 दिन में लिखित में अपनी बातें आयोग के सामने रखें. उसके बाद जब आयोग उन्हें बुलाए, तब वहां जाएं. कोर्ट ने चुनाव आयोग से भी कहा कि वह इन बैठकों के निष्कर्ष के बारे में उसे जानकारी दे. 28 जुलाई से शुरू हो रहे सप्ताह में मामले पर आगे सुनवाई होगी.
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका में हर बूथ में मतदान का ब्योरा रखने वाले फॉर्म 17C को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हर केंद्र में मतदान की पूरी जानकारी वाले इस फॉर्म को सार्वजनिक करने से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी.
महुआ मोइत्रा के लिए पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और ADR के लिए पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि फॉर्म में दर्ज जानकारी सार्वजनिक होने से लोगों को EVM में गिने गए कुल मतों के साथ उसके मिलान की सुविधा मिल सकेगी. 2019 से लंबित इन याचिकाओं का चुनाव आयोग ने विरोध किया है. आयोग की दलील है कि हर पार्टी के पोलिंग एजेंट को फॉर्म 17C की कॉपी दी जाती है. हर बूथ के फॉर्म 17C को वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग व्यवहारिक नहीं है. मंगलवार को हुई सुनवाई में आयोग के लिए पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि आयोग सबकी बात सुनने के लिए तैयार है.
कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 के तहत मतदान अधिकारी फॉर्म 17C को भरते हैं. इसमें मतदान करने वालों की कुल संख्या, लिंग का ब्यौरा, मतदान प्रतिशत जैसी जानकारियां दर्ज की जाती हैं. याचिका में कहा गया है कि इस फॉर्म में दर्ज जानकारी सार्वजनिक होने से लोगों को EVM में गिने गए कुल मतों के साथ उसके मिलान की सुविधा मिल सकेगी.
2024 के लोकसभा चुनाव के बीच में महुआ मोइत्रा और ADR की याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी थीं. तब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी. कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने कहा था कि चुनाव के बीच में अचानक इस तरह का आदेश नहीं दिया जा सकता. इसके लिए विस्तृत सुनवाई जरूरी है.
यह भी पढ़ें:-दिल्ली पुलिस ने बर्खास्त IAS पूजा खेड़कर की गिरफ्तारी के लिए फिर लगाई गुहार, SC ने नहीं दी इजाजत, कहा- जांच कीजिए…
india, india news, india news, latest india news, news today, india news today, latest news today, latest india news, latest news hindi, hindi news, oxbig hindi, oxbig news today, oxbig hindi news, oxbig hindi
ENGLISH NEWS