How To See Supreme Court From Inside: आम लोगों के मन में अक्सर सुप्रीम कोर्ट को अंदर से देखने की जिज्ञासा होती है लेकिन प्रशासनिक और सुरक्षा कारणों से सबके लिए सुप्रीम कोर्ट के अंदर जा पाना संभव नहीं होता. सुप्रीम कोर्ट ने अब सार्वजनिक सूचना जारी कर बताया है कि उसके दरवाजे आम लोगों के लिए खुले हैं. अगर कोई कोर्ट को अंदर से देखना चाहता है तो वह कोर्ट की तरफ से तय दिनों में ऐसा कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट टूर के लिए तय दिन
कोर्ट की तरफ से जारी सार्वजनिक सूचना में बताया गया है कि महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़ कर बाकी शनिवार को लोग तय प्रक्रिया का पालन कर कोर्ट के परिसर और उसकी इमारत को अंदर से देख सकते हैं. जिस शनिवार को कोई घोषित छुट्टी हो, उस दिन यह यात्रा नहीं हो सकेगी.
डेढ़-डेढ़ घंटे के 4 स्लॉट
शनिवार को होने वाला हर गाइडेड टूर डेढ़ घंटे का होगा. इसके लिए तय समय हैं :-
(i) सुबह 10 से 11:30 बजे(ii) सुबह 11:30 से दोपहर 1 बजे(iii) दोपहर 2 से 3:30 बजे(iv) दोपहर 3:30 से 5 बजे
पहले से बुकिंग करना ज़रूरी
सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों की तरफ से करवाए जाने वाले इस गाइडेड टूर के बारे में और अधिक जानकारी सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद लिंक से ली जा सकती है. इसी लिंक के ज़रिए अपनी सुप्रीम कोर्ट यात्रा के लिए स्लॉट बुक किया जा सकता है. कोर्ट के इस टूर के लिए पहले से ऑनलाइन बुकिंग करवाना अनिवार्य है.
क्या-क्या देखने को मिलेगा?
सुप्रीम कोर्ट आने वाले लोगों को ऐसी कई जगहों को देखने का मौका मिलेगा जहां आम दिनों में जाने की अनुमति नहीं होती. लोग सुप्रीम कोर्ट की भव्य ऐतिहासिक इमारत को अंदर से देख सकेंगे. उन्हें मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट रूम समेत दूसरे कोर्ट रूम देखने को मिलेंगे. वह नेशनल ज्यूडिशियल म्यूजियम देख सकेंगे, जहां न्यायपालिका के इतिहास से जुड़ी अनमोल स्मृतियों को संजोया गया है. लोग जजों की लाइब्रेरी को भी देख सकते हैं.
2018 से जारी है गाइडेड टूर
सुप्रीम कोर्ट की यह गाइडेड यात्रा 6 साल से चल रही है. इसका विचार पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के कार्यकाल में सामने आया. हालांकि, इसकी शुरुआत चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल में 3 नवंबर 2018 को हुई. तब से अब तक 296 गाइडेड टूर हो चुके हैं. कुछ मौकों पर लोगों को सुप्रीम कोर्ट के जजों से मिल पाने का मौका भी मिला है. हालांकि, हर दौरे में ऐसा संभव नहीं है. शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक कार्य नहीं होता है. इसलिए, जज भी इस दिन कोर्ट नहीं आते.
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