‘शादीशुदा होते हुए दूसरे मर्द से रिश्ता रखने पर आपके खिलाफ मुकदमा चल सकता है’, पार्टनर पर रेप के आरोप लगाने वाली महिला से सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही है. महिला आरोपी को अग्रिम जमानत दिए जाने का विरोध कर रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसके सभी तर्कों को नकारते हुए जमानत को सही बताया है.
बुधवार (16 जुलाई, 2025) को जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए महिला को खूब फटकार लगाई. महिला का कहना है कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और जब महिला ने पति से तलाक ले लिया तो उसने शादी करने से इनकार कर दिया.
याचिकाकर्ता की दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘आप एक शादीशुदा महिला हैं और आपके दो बच्चे हैं. आप एक मैच्योर महिला हैं और आपको उस रिश्ते की समझ थी जो आप शादीशुदा होते हुए किसी और के साथ बना रही थीं.’ महिला के वकील ने फिर से दलील दी कि आरोपी याचिकाकर्ता को बार-बार होटल बुलाता था.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने महिला से कहा, ‘आप उसके बुलाने पर बार-बार जाती क्यों थीं? आप अच्छी तरह से जानती हैं कि शादीशुदा होते हुए किसी और से शारीरिक संबंध बनाना एक अपराध है.’
महिला ने पटना हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को दरवाजा खटखटाया था, जिसमें हाईकोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी थी. हाईकोर्ट ने पाया कि महिला का तलाक होने के बाद आरोपी ने उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाए.
साल 2016 में सोशल मीडिया के जरिए महिला की आरोपी से जान-पहचान हुई. महिला का आरोप है कि आरोपी के दबाव में आकर उसने इस साल 6 मार्च को पति से तलाक ले लिया था, लेकिन जब उसने आरोपी से शादी के लिए कहा तो वह मुकर गया. इस बात से महिला को बहुत गुस्सा आया और उसने बिहार पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी कि आरोपी ने उसका रेप किया है. हालांकि, पटना हाईकोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी क्योंकि कोर्ट ने पाया कि तलाक के बाद कभी आरोपी ने महिला के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाए.
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