सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (18 फरवरी, 2025) को संकेत दिया कि वह दिल्ली के चांदनी चौक क्षेत्र में अवैध निर्माण और इसे रोकने में दिल्ली नगर निगम (MCD) की विफलता की सीबीआई जांच का आदेश दे सकता है. कोर्ट एमसीडी के साथ-साथ दिल्ली हाईकोर्ट के कुछ आदेशों को लेकर भी नाराज नजर आया. कोर्ट ने कहा कि वह एमसीडी के अधिकारियों की निष्क्रियता से चिंतिंत हैं क्योंकि जब बिल्डर ये बिल्डिंग बनाते हैं तो ध्यान नहीं दिया जाता है.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच मामले पर सुनवाई कर रहा था. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट से इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि याचिकाकर्ताओं की बात सुनी नहीं जाती है और सिर्फ एमसीडी की बात सुनकर मामले का निपटारा कर दिया जाता है.
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोर्ट उन निर्माणों की जांच करवाएगा, जिन पर अवैध होने के आरोप लगे हैं. साथ ही ये निर्माण करवाने वाले बिल्डर्स और उन्हें इसकी अनुमति देने में अधिकारियों की संलिप्तता की सीबीआई जांच का आदेश देने के पक्ष में हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने फटकार लगाते हुए कहा कि बिल्डर इन इमारतों का निर्माण करते हैं और एमसीडी अपनी आंखें बंद कर लेता है.
जज की आपत्तियों पर दिल्ली नगर निगम (MCD) की ओर से पेश एडवोकेट ने कहा कि अनाधिकृत निर्माण को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार हटाया गया है, जहां यह मामला अब भी लंबित है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘जब कोई व्यक्ति जनहित याचिका लेकर आता है, तो अचानक आप जाग जाते हैं… दुर्भाग्य से हाईकोर्ट याचिकाकर्ताओं को कुछ कहने की अनुमति भी नहीं देता है और आपके बयान के आधार पर मामले को अचानक बंद कर देता है. हम सीबीआई को हर चीज की जांच करने का निर्देश देंगे.’
मामले की सुनवाई अब अगले सप्ताह होगी. बेंच ने कहा, ‘इस मामले में न केवल विशेषज्ञों की टीम की ओर से साइट का निरीक्षण करने की आवश्यकता है, बल्कि माप सहित नगर निगम के मामलों की भी जांच करने की आवश्यकता है, क्योंकि अवैध और अनधिकृत वाणिज्यिक निर्माणों को बाहरी कारणों से अनुमति दी गई थी. इस बारे में कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए कि गहन जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जाए.’
बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह दूसरे पक्ष को सुने बिना आदेश पारित नहीं कर सकती और उनसे एक समिति के गठन के लिए आर्किटेक्ट और इंजीनियरों के नाम सुझाने को कहा, जो साइट पर जाकर निरीक्षण कर सकें. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट के दो आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें चांदनी चौक क्षेत्र के फतेहपुरी स्थित बाग दीवार में अनधिकृत निर्माण को हटाने से संबंधित एक आदेश भी शामिल था, जिसका निपटारा एमसीडी के इस बयान पर किया गया था कि अवैध ढांचे हटा दिए गए हैं.
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