दिल्ली में बुधवार (23 अप्रैल, 2025) को एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर देश भर के पूर्व छात्र नेता जुटे. स्टूडेंट्स फॉर वन नेशन वन इलेक्शन के तत्वावधान में देश भर के पूर्व छात्र-नेताओं का दिल्ली में सम्मेलन आयोजित हुआ. डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर पहुंचे एक हजार से अधिक पूर्व छात्र नेताओं ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव की मांग को लेकर देशभर में जन-अभियान चलाएंगे. इस सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि रहे.
इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक नए भारत का निर्माण हो रहा है, लेकिन इस नव-निर्माण की राह में सबसे बड़ी बाधा हैं बार-बार होने वाले चुनाव. उन्होंने कहा कि हालत ये है कि हमारे देश में चाहें कुछ हो या ना हो, लेकिन साल के 365 दिन हमारा देश, उसकी प्रजा और उसका तंत्र चुनावी मोड में ही रहता है.
‘बार-बार चुनावी प्रकिया से विकास कार्य ठप्प हो जाते हैं’उन्होंने बार बार चुनाव होने से राष्ट्र के संसाधनों के साथ-साथ राष्ट्र के अमूल्य समय की बर्बादी की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि बार बार चुनावी प्रकिया से देश में विकास कार्य ठप्प हो जाते हैं और शासन प्रशासन नीतिगत निर्णय तक नहीं ले पाते जिससे विकास की नहीं रोजमर्रा के कामों की गति भी रुक जाती है. लगातार चुनावी चक्र में फंसकर होने वाले इस राष्ट्रव्यापी नुकसान को रोकने के लिए उन्होंने पूर्व छात्र नेता सम्मेलन में मौजूद युवा शक्ति का आह्वान करते हुए कहा कि युवा शक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए देश के विकास की इस सबसे बड़ी बाधा को हटाने के लिए एकजुट हो.
राष्ट्रीय एकता और युवा शक्ति के प्रतीक इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश भर के 486 जिलों से आए 1010 पूर्व छात्र नेताओं ने भाग लिया. ‘स्टूडेंट्स फॉर वन नेशन, वन इलेक्शन’ नामक युवा मंच द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ जैसे परिवर्तनकारी सुधार के समर्थन में जनजागरूकता, संवाद और आंदोलन की गति बढ़ाने हेतु आयोजित किया गया.
‘यह किसी पार्टी का एजेंडा नहीं, बल्कि राष्ट्र का एजेंडा है’कार्यक्रम की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट के मौन के साथ हुई. यह श्रद्धांजलि देश की एकता और अखंडता के प्रति सभी प्रतिभागियों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण था ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लाभों पर आधारित एक विशेष पुस्तक का विमोचन और एक एआई-संचालित चैटबॉट की शुरुआत, जो इस पहल से संबंधित जनसामान्य के प्रश्नों का त्वरित एवं सटीक उत्तर देगा.
केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस सुधार को राष्ट्रीय आवश्यकता बताते हुए कहा कि यह किसी पार्टी का एजेंडा नहीं, बल्कि राष्ट्र का एजेंडा है. बार-बार चुनाव हमारे विकास यात्रा को बाधित करते हैं और याद रखें आज का छात्र कल का नागरिक नहीं, आज का छात्र, आज का नागरिक है. आपका योगदान अभी है, भविष्य में नहीं.
‘इस आंदोलन को जमीनी स्तर तक पहुंचाएं’केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्य मंत्री मनसुख मांडविया ने उद्घाटन भाषण में कहा कि जैसे हम चंद्रगुप्त मौर्य के काल को स्वर्ण युग मानते हैं, वैसे ही आने वाले समय में नरेंद्र मोदी का काल ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की शुरुआत के क्रांतिकारी विचार की शुरुआत के रूप में याद किया जाएगा, जो सिर्फ एक नीतिगत विचार नहीं, बल्कि विकसित भारत के संकल्प की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने छात्र नेताओं से आह्वान किया कि वे इस आंदोलन को जमीनी स्तर तक पहुंचाएं और इसे जन आंदोलन बनाएं.
अंत में आयोजन में शामिल हुए प्रतिनिधियों ने पहलगाम के आतंकवादी हमले के खिलाफ स्टूडेंट्स अगेन्स्ट टैरररिज्म का बैनर लिए डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के सामने बड़ी संख्या में एकत्र होकर अपना रोष प्रकट किया और हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की.
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