संजय राउत ने नीतीश कुमार को लेकर कर दी बड़ी भविष्यवाणी, बोले- बिहार सीएम अलग फैसला…

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Sanjay Raut slammed BJP: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उस दौरान उन्होंने कश्मीर, मणिपुर, लद्दाख समेत बिहार के राजनीति समेत नीतिश कुमार के बारे में बात की. राउत ने सबसे पहले चीन की घुसपैठ और कश्मीर के सुरक्षा पर सवाल किया.
संजय राउत ने सबसे पहले कहा कि कश्यप ऋषि के नाम से कश्मीर का नाम बदलने की बात की जा रही है, लेकिन लद्दाख में चीन का हस्तक्षेप बढ़ता जा रहा है. सवाल यह उठता है कि जब लद्दाख में चीन घुस चुका है, तो इस पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है? प्रधानमंत्री देश की सुरक्षा के गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज कर दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. क्या यह उचित है कि लद्दाख में चीन की घुसपैठ हो रही है और देश के नेता इस पर ध्यान नहीं दे रहे?
संजय राउत ने कश्मीर को लेकर अपने बयान में आगे कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद चीन की गतिविधियां कश्मीर और लद्दाख में तेज हुई हैं. यह सवाल उठता है कि सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए हैं? लद्दाख की जमीन पर चीन का कब्जा बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार केवल कश्मीर का नाम बदलने की बात कर रही है. क्या चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना करने के लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना है?
सरकार की प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवालराउत ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री केवल बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं दिखाई दे रही है. सरकार चीन को उसी की भाषा में जवाब देने में विफल रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा के इस गंभीर मुद्दे पर सरकार की गंभीरता पर सवाल उठते हैं. लद्दाख की जमीन चीन के कब्जे में जा रही है, लेकिन सरकार सिर्फ चिट्ठियां लिखकर मामले को टाल रही है. क्या यह पर्याप्त है?
मणिपुर में बढ़ती हिंसा और सरकार की उदासीनताशिवसेना नेता ने कहा कि मणिपुर में स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है. हाल ही में वहां के एक जिले के एसपी पर हमला हुआ, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है. सरकार मणिपुर की समस्या को नजरअंदाज कर रही है और चुनाव प्रचार में व्यस्त है. ऐसी स्थिति में मणिपुर की सरकार को बर्खास्त करने की मांग उठ रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर इस तरह की उदासीनता को लेकर सरकार पर सवाल उठते हैं.
नीतीश कुमार की पार्टी पर भाजपा का दबावनीतीश कुमार की पार्टी के दस सांसदों को तोड़ने की कोशिशें भाजपा द्वारा की जा रही हैं. भाजपा पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया जा रहा है. यह चिंता का विषय है कि भाजपा अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ इस प्रकार की राजनीति कर रही है. नीतीश कुमार इस स्थिति से परेशान हैं और इसका असर उनकी राजनीति पर पड़ सकता है.संजय राउत ने दावा किया कि नीतीश कुमार की पार्टी के 10 सांसद तोड़ने की कवायत भाजपा कर रही है. यही भाजपा का चेहरा है, जो उनके साथ रहता है, दोस्ती है, मदद करता है, उनके साथ बेईमानी करते हैं. हमारे पास खबर है कि जेडीयू के 10 सांसद बीजेपी तोड़ने जा रही है. इसलिए नीतीश कुमार जी बहुत डिस्टर्ब है और कुछ अलग निर्णय ले सकते हैं.
महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भी सांसदों की टूटमहाराष्ट्र में भी पार्टी सांसदों को तोड़ने की घटनाएं सामने आई हैं. शरद पवार की पार्टी के सांसदों में भी टूट देखी गई है. इस प्रकार की राजनीति देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करती है. भाजपा के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि वह केवल सत्ता के लिए सहयोगी पार्टियों को तोड़ने का काम कर रही है.
राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ती अस्थिरतादेश की राजनीति में अस्थिरता बढ़ती जा रही है. चाहे वह लद्दाख में चीन की घुसपैठ हो, मणिपुर में बढ़ती हिंसा हो या फिर नीतीश कुमार की पार्टी पर दबाव हो, यह सभी घटनाएँ दिखाती हैं कि सरकार अपनी प्राथमिकताओं में असफल हो रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक राजनीतिक स्थिरता पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है.
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