Mohan Bhagwat On Ram Mandir Consecration : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने सोमवार (13 जनवरी, 2025) को कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा भारत की सच्ची स्वतंत्रता है. इंदौर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए RSS चीफ ने कहा कि इस दिन को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाया जाना चाहिए, जो सदियों के परचक्र (बाहरी आक्रमण) के बाद भारत की संप्रभुता की स्थापना का प्रतीक है.
बीते साल 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया था. हालांकि, हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इसकी तिथी 11 जनवरी 2025 को थी.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपक राय को दिया पुरस्कार
RSS चीफ ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन किसी का विरोध करना नहीं थी बल्कि भारत के स्व (स्वयं)ल को जगाने का प्रयास था, जिससे भारत देश स्वतंत्र रूप से खड़ा हो सके और दुनिया का मार्गदर्शन कर सके. मोहन भागवत ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और अहम भूमिका निभाने वाले चंपत राय को प्रतिष्ठित ‘राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार’ देने के बाद ये बात कही.
‘राम मंदिर को हिंदुस्तान की प्रतिष्ठा’
वहीं राम मंदिर निर्माण में चंपत राय ने इस पुरस्कार को राम मंदिर के आंदोलन में योगदान देने वालों को समर्पित किया. चंपत राय ने पुरस्कार को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया. राम मंदिर आंदोलन के समय सामने आई चुनौतियों पर बोलते हुए राय ने राम मंदिर को हिंदुस्तान की प्रतिष्ठा बताया और इसके निर्माण में शामिल होने के लिए आभार जताया.
किस किस को मिल चुका पुरस्कार?
इंदौर स्थित श्री अहिल्योत्सव समिति की ओर से स्थापित राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार, विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में योगदान को मान्यता देने वाला एक वार्षिक सम्मान है. इस पुरस्कार को प्राप्त करने वालों में नानाजी देशमुख, विजया राजे सिंधिया, रघुनाथ अनंत माशेलकर और सुधा मूर्ति जैसे दिग्गज शामिल हैं.
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