पेपर लीक के बाद रेल मंत्रालय का बड़ा फैसला, सभी प्रमोशन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर दिया अपडेट

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<p style="text-align: justify;"><strong>RRB Exam:&nbsp;</strong>रेलवे मंत्रालय ने सभी डिपार्टमेंटल प्रोमोशन की परीक्षाओं को एक सेंट्रलाइज्ड कंप्यूटर-आधारित टेस्ट के माध्यम से आयोजित करने का फैसला लिया है. रेलवे बोर्ड की एक हाई लेवल की बैठक में ये फैसला लिया गया कि अब से सभी डिपार्टमेंटल प्रोमोशन की परीक्षाएं रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड की ओर से सेंट्रलाइज्ड कंप्यूटर-आधारित प्रणाली के तहत आयोजित की जाएंगी.</p>
<p style="text-align: justify;">इससे पहले रेलवे में डिपार्टमेंटल प्रोमोशन की परीक्षाएं रेलवे का हर एक डिवीजन और जोन की ओर से इंटरनल रूप से ही आयोजित की जाती थीं. रेलवे की विभागीय प्रमोशनल परीक्षा के लिए नए नियम और प्रक्रिया ऐसे वक्त में दी गई हैं, जबकि हाल के दिनों में इन डिपार्टमेंटल प्रोमोशन की परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और गलत तरीकों से परीक्षाएं देने की कई शिकायतें सामने आई थीं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैलेंडर के अनुसार ही आयोजित की जाएगी परीक्षाएं&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सभी जोनल रेलवे को निर्देश दिए गए है कि अब इन विभागीय प्रमोशन की परीक्षा के लिए एक वार्षिक कैलेंडर तैयार करेंगे और परीक्षाएं केवल इस कैलेंडर के अनुसार ही आयोजित की जाएगी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>7.7 करोड़ से अधिक उम्मीदवार कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं में शामिल</strong></p>
<p style="text-align: justify;">गौर करने वाली बात ये है कि साल 2015 से लेकर अब तक 7.7 करोड़ से अधिक उम्मीदवार कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं में शामिल हो चुके हैं, जिनमें पेपर लीक, इम्परसनेशन, रिमोट लॉग-इन और जासूसी उपकरणों के इस्तेमाल जैसी समस्याओं को प्रभावी रूप से रोका गया है और इसी को देखते हुए रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड को यह जिम्मेदारी उसके पिछले अनुभव को देखते हुए सौंपी गई है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>चार दिन पहले ही परीक्षा केंद्रों की जानकारी मिलती है</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रेलवे मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए कि लाई गई इस पहल के तहत परीक्षा केंद्रों के चयन के लिए ओपन टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जिसमें क्वालिटी और कॉस्ट आधारित चयन जैसी शर्तें लागू की जाती हैं. परीक्षा केंद्रों का गहन ऑडिट किया जाता है. परीक्षा से चार दिन पहले ही परीक्षा केंद्रों की जानकारी दी जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>रैंडम जेनरेशन के माध्यम से होता है केंद्रों का चयन</strong></p>
<p style="text-align: justify;">रेलवे मंत्रालय ने यह भी बताया कि यह कदम रेलवे की डिपार्टमेंटल परीक्षाओं में निष्पक्षता और ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करने के लिए एक जरूरी बदलाव माना जा रहा है. परीक्षा केंद्रों का आवंटन भी कंप्यूटर द्वारा रैंडम जेनरेशन के माध्यम से किया जाता है, ताकि मानवीय हस्तक्षेप को रोका जा सके.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>परीक्षा के पहले और बाद तक की जाती है रिकॉर्डिंग</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ट्रांसपेरेंसी के मद्देनजर रेलवे मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सभी परीक्षा केंद्रों पर 100% सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित किया जाता है. परीक्षा से दो घंटे पहले और परीक्षा समाप्त होने के एक घंटे बाद तक रिकॉर्डिंग की जाती है. परीक्षार्थियों की तलाशी हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर से की जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें- <a href=" मंत्री, न CM, सीधे बने पीएम, ऐसा क्या हुआ 7 महीने के भीतर ही छोड़ दी प्रधानमंत्री की कुर्सी</a></strong></p>
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